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गाली-गलौच के बाद अब डोनाल्‍ड ट्रंप ने तानाशाह किम जोंग की शान में पढ़े कसीदे

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा मानना है कि यह दुनिया के लिए बहुत बड़ी बात होगी। हालांकि उन्होंने फिर कहा कि किम के साथ बैठक लाभदायक नहीं होगी, तो वह बातचीत से अलग हो जाएंगे।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 25 Apr 2018 08:20 PM (IST)Updated: Wed, 25 Apr 2018 11:30 PM (IST)
गाली-गलौच के बाद अब डोनाल्‍ड ट्रंप ने तानाशाह किम जोंग की शान में पढ़े कसीदे
गाली-गलौच के बाद अब डोनाल्‍ड ट्रंप ने तानाशाह किम जोंग की शान में पढ़े कसीदे

वाशिंगटन, आइएएनएस। शिखर वार्ता से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन को माननीय कह कर उनकी तारीफ की। उन्होंने कहा कि किम के साथ मई या जून की शुरुआत में बैठक हो सकती है।

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ह्वाइट हाउस में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ बातचीत से पहले मंगलवार को ट्रंप ने कहा कि किम वास्तव में बहुत ही खुले हुए व्यक्ति हैं। वह हर तरह से माननीय हैं। हमें बताया गया है कि वे जल्द से जल्द बैठक करना चाहते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा मानना है कि यह दुनिया के लिए बहुत बड़ी बात होगी। हालांकि उन्होंने फिर कहा कि किम के साथ बैठक लाभदायक नहीं होगी, तो वह बातचीत से अलग हो जाएंगे। लेकिन वह बैठक को कुछ विशेष करने का अवसर मानते हैं। उन्होंने कहा कि हम देखेंगे कि बातचीत किस तरफ जाती है।

शिखर वार्ता में कोरियाई एकीकरण प्राथमिकता नहीं

शुक्रवार को होने वाली उत्तर और दक्षिण कोरिया की शिखर वार्ता में एकीकरण का मसला प्राथमिकता में नहीं है। हाल में दोनों देशों के बीच तनाव कम होने पर इस मसले को नया जीवन मिला था। लेकिन अधिकारियों और विश्लेषकों का मानना है कि कोरियाई प्रायद्वीप में 70 वर्षों की लड़ाई के बाद एकीकरण की बात जटिल और वास्तविकता से परे है। इसके अलावा दक्षिण कोरिया एक प्रमुख आर्थिक शक्ति बन गया है और वहां लोकतांत्रिक शासन है। जबकि उत्तर कोरिया की आर्थिक स्थिति खराब है और वहां किम के वंश का शासन है और लोगों को बहुत कम आजादी है।

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-इन के विशेष राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मून चुंग-इन ने कहा कि किम जोंग उन के साथ शिखर बैठक में शांति और परमाणु निरस्त्रीकरण शीर्ष प्राथमिकता पर रहेगा। सन् 2000 और 2007 की शिखर बैठक के प्रमुख मसले एकीकरण पर इस बैठक में थोड़ी भी चर्चा होने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक शांति नहीं होगी, एकीकरण नहीं हो सकता है।


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