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करियर और काम को लेकर न लें तनाव, नहीं तो जल्‍द हो जाएंगे बूढे़, वैज्ञानिकों ने दिए टिप्‍स

मिशिगन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि काम के चलते होने वाले तनाव और ठीक ढंग से नींद ना ले पाने से उम्र से पहले ही बुढ़ापे के लक्षण दिखने लगते हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 28 Jul 2019 11:36 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jul 2019 11:40 AM (IST)
करियर और काम को लेकर न लें तनाव, नहीं तो जल्‍द हो जाएंगे बूढे़, वैज्ञानिकों ने दिए टिप्‍स

वाशिंगटन, न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स। आज के समय में सफल कॅरियर बनाना इतना जरूरी है कि लोग बस उसकी भागमभाग में जुटे रहते हैं। डॉक्टर हो, इंजीनियर हो, शेफ हो या फिल्म जगत से जुड़ा कोई व्यक्ति हो, सफल होने के लिए सभी दिन या रात देखे बिना अपने काम में लगे रहते हैं। इन सबके चलते कई बार उन्हें तनाव हो जाता जिसका सीधा असर उनके स्वास्थ्य पर दिखाई देने लगता है।

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छह गुना तेजी से बूढ़े होने लगते हैं लोग
मिशिगन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि काम के चलते होने वाले तनाव और ठीक ढंग से नींद ना ले पाने से व्यक्ति की शारीरिक क्षमता घटने लगती है और उनमें उम्र से पहले ही बुढ़ापे के लक्षण दिखने लगते हैं। कई लोगों के बाल सफेद होने लगते हैं तो कुछ का पाचन तंत्र व आंखों की रोशनी कमजोर हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि वे रात-दिन की उल्टी-पुल्टी शिफ्ट में घंटों काम करने से बचें।

छह गुना तेजी से बूढ़े होने लगते हैं लोग
शोधकर्ता ने अपने अध्ययन में पाया कि काम को लेकर तनाव में रहने वाले लोग अन्य के मुकाबले छह गुना अधिक तेजी से बूढ़े होते हैं। अपनी बात पुष्ट करने के लिए उन्होंने 250 युवा डॉक्टरों पर शोध किया। उन सभी के टेलोमेरेस की लंबाई का पता लगाने के लिए उनके सलाइवा का नमूना इकट्ठा किया गया था।

कम होने लगती है टेलोमेरेस की लंबाई 
टेलोमेरेस क्रोमोजोम के सिरे पर मौजूद रहकर डीएनए को सुरक्षित रखते हैं। युवा व बच्चों में तनाव बढ़ने से इनकी लंबाई छोटी होती जाती है। टेलोमेरेस की लंबाई का कम होना डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर व हृदय संबंधी रोगों के साथ ही समय से पहले बूढ़े होने का भी कारक है। शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि घंटों काम करने और तनाव के चलते टेलोमेरेस की लंबाई तेजी से घटती जाती है।

सुधार की जरूरत
शरीर को स्वस्थ रखने और बुढ़ापे के लक्षणों को कम करने के लिए जीवनशैली में सुधार किया जाना बेहद जरूरी है। यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन में प्रोफेसर डॉ. सिरीजन सेन ने कहा, ‘व्यक्ति को घंटों लगातार काम करने से बचना चाहिए। खानपान में बदलाव के साथ दिन में छह-आठ घंटे की नींद लेना भी जरूरी है।’ 

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