बिंग बैंग से भी पुराना है डार्क मैटर, अपने गुरुत्वीय प्रभाव से हर चीज को करता है प्रभावित
एक नए अध्ययन में अमेरिका की जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि डार्क मैटर (अदृश्य पदार्थ) बिग बैंग से भी पहले से ब्रह्मांड में मौजूद है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। एक नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि डार्क मैटर (अदृश्य पदार्थ) बिग बैंग से भी पहले से ब्रह्मांड में मौजूद है। माना जाता है कि ब्रह्मांड के कुल द्रव्यमान का 80 फीसद हिस्सा डार्क मैटर से ही बना हुआ है। फिजिकल रिव्यू लेटर्स नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने डार्क मैटर की उत्पत्ति और इनकी पहचान के संबंध में खगोलीय अनुमानों के आधार पर एक नया विचार प्रस्तुत किया है।
आकाशगंगाओं को करते हैं प्रभावित
अमेरिका की जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के पोस्ट डॉक्टोरल फैलो टॉमी टेनकैनन ने कहा कि यह अध्ययन कण भौतिकी (पार्टिकल फिजिक्स) और खगोल विज्ञान के बीच नए संबंध का पता लगाता है। उन्होंने कहा कि यदि डॉर्क मैटर ऐसे नए कणों के रूप में मौजूद हैं, जो बिग बैंग से पैदा हुए थे तो ये आकाशगंगाओं को भी प्रभावित करते हैं। टेनकैनन ने कहा कि इस संबंध के जरिये भी बिग बैंग से पूर्व इनके होने का पता लगाया जा सकता है।
गुरुत्वीय प्रभाव से पड़ता है असर
अभी तक इस पदार्थ की उत्पत्ति के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है लेकिन अंतरिक्ष विज्ञानियों के मुताबिक, आकाशगंगाओं और आकाशगंगा के समूहों के निर्माण में डार्क मैटर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह अदृश्य है। इसका पता सीधे तौर पर नहीं लगाया जा सकता, पर इसके गुरुत्वीय प्रभाव से अंतरिक्ष में मौजूद पदार्थ, ग्रह, पिंड आदि प्रभावित होते हैं।
बिग बैंग के बाद बचा हुआ पदार्थ
शोधकर्ताओं का अनुमान था कि डार्क मैटर बिग बैंग के बाद बचा हुआ पदार्थ है। इसका पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने लंबे समय तक अध्ययन भी किए, लेकिन सभी प्रयोग असफल रहे हैं। टेनकैनन ने कहा कि अगर डार्क मैटर वास्तव में बिग बैंग का अवशेष था, तो कई मामलों में शोधकर्ताओं को पहले से ही विभिन्न कण भौतिकी प्रयोगों में डार्क मैटर के प्रत्यक्ष संकेत को मिलने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसका मतलब है कि डार्क मैटर बिग बैंग से पहले से ही मौजूद है।
क्या है डार्क मैटर
डार्क मैटर एक अप्रमाणित पदार्थ है। कोई भी पदार्थ अपने द्वारा उत्सर्जित विकिरण से पहचाने जा सकते हैं किंतु डार्क मैटर उत्सर्जित विकिरण से पहचाने नहीं जा सकते। इनके अस्तित्व का अनुमान दिखाई देने वाले पदार्थों पर इनके गुरुत्वीय प्रभावों से किया जाता है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि डार्क मैटर न्यूट्रालिनॉस नाम के कणों से बना है।
बिग बैंग से बना ब्रह्मांड
ब्रह्मांड का जन्म एक महाविस्फोट यानी बिग बैंग के परिणाम स्वरूप हुआ था। अरबों वर्ष पूर्व ब्रह्मांड एक परमाण्विक इकाई के रूप में था। उस समय मानवीय समय और स्थान जैसी कोई अवधारणा अस्तित्व में नहीं थी। बिग बैंग सिद्धांत के अनुसार, लगभग 13.7 अरब वर्ष पूर्व हुए एक धमाके में अत्यधिक ऊर्जा का उत्सजर्न हुआ। यह ऊर्जा इतनी अधिक थी जिसके प्रभाव से आज तक भी ब्रह्मांड फैलता जा रहा है। आज जो कुछ भी हम ब्रह्मांड में देख पा रहे हैं यह बिंग बैंग का ही परिणाम है।
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