Move to Jagran APP

सूरज की रोशनी और गर्म मौसम में कोरोना वायरस के जीवित रहने की संभावना कम, अमेरिकी रिसर्च का दावा

सूरज की रोशनी गर्म और उमस भरे मौसम में कोरोना वायरस (COVID-19) के जीवित रहने की संभावना बेहद कम है। यह ठंड और शुष्क मौसम के उलट है जहां यह वायरस लंबे समय तक रहता है।

By Tilak RajEdited By: Published: Fri, 24 Apr 2020 09:43 AM (IST)Updated: Fri, 24 Apr 2020 09:43 AM (IST)
सूरज की रोशनी और गर्म मौसम में कोरोना वायरस के जीवित रहने की संभावना कम, अमेरिकी रिसर्च का दावा
सूरज की रोशनी और गर्म मौसम में कोरोना वायरस के जीवित रहने की संभावना कम, अमेरिकी रिसर्च का दावा

न्‍यूयॉर्क, आइएएनएस। सूरज की रोशनी, गर्म और उमस भरे मौसम में कोरोना वायरस (COVID-19) के जीवित रहने की संभावना बेहद कम है। यह ठंड और शुष्क मौसम के उलट है जहां यह वायरस लंबे समय तक रहता है। अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने इसकी जानकारी दी। पूरे विश्‍व में फैली महामारी के बीच ये भारत जैसे देशों के लिए अच्‍छी खबर हैं, जहां गर्म मौसम रहता है।

loksabha election banner

डीएचएस की रिपोर्ट का हवाला देते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने गुरुवार (स्थानीय समय) को कहा कि कोरोना वायरस के गर्म और नम वातावरण में जीवित रहने की कम संभावना है। यह ठंड और शुष्क मौसम के उलट है, जहां यह वायरस लंबे समय तक रहता है। व्हाइट हाउस की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में ट्रंप ने कहा कि डीएचएस के वैज्ञानिकों ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें यह जानकारी मिलती है कि वायरस विभिन्न तापमानों, जलवायु और सतहों पर कैसे प्रतिक्रिया करता है। दरअसल, यूरोपीय देशों के मुकाबले, कोरोना वायरस का एशियाई देशों में प्रभाव कम देखने को मिल रहा है।

ट्रंप ने बताया कि शोध रिपोर्ट में यह सामने आया है कि यह खतरनाक वायरस ठंडे और शुष्क वातावरण में बेहतर रूप से जीवित रहता है। वहीं, गर्म और अधिक नमी वाले वातावरण में यह सही प्रकार से जीवित नहीं रह पाता है। ट्रंप का समर्थन करते हुए डीएचएस में विज्ञान और प्रौद्योगिकी निदेशालय के प्रमुख बिल ब्रायन ने कहा कि कोरोना वायरस धूप और नमी वाले वातावरण के संपर्क में आने पर बहुत तेज गति से मर जाता है। उन्होंने कहा कि यह वायरस धूप में जल्दी मर जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि इसोप्रोपाइल अल्कोहल 30 सेकंड में वायरस को मार देगा।

बिल ब्रायन ने बताया कि कुछ रुझानों को साझा करना चाहूंगा, जो हमें विश्वास है कि महत्वपूर्ण हैं। हमारा आज तक का सबसे महत्वपूर्ण अवलोकन यह है कि सूर्य की रोशनी में वायरस सतह और हवा दोनों में मरते दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि हमने तापमान और नमी में भी ऐसे ही प्रभाव देखें। हम तापमान और नमी दोनों को बढ़ा रहे हैं, जो सामान्य तौर पर वायरस के लिए कम अनुकूल है।

गौरतलब है कि अब तक दुनियाभर में 26 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के डाटा के अनुसार, अकेले अमेरिका में कोरोना के 8,60,000 मामले सामने आए हैं और 49,759 लोगों की मौत हुई है। वहीं, भारत में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 23 हजार के पार पहुंच गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.