कैमरे में पहली बार कैद हुई तारों के टूटने की घटना, इस देश के शोधकर्ताओं ने किया दावा
अमेरिका की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है कि बीती गर्मियों के दौरान वे इस रहस्यमय चीज को समझने के काफी नजदीक तक पहुंचे हैं।
वॉशिंगटन,प्रेट्र। लगभग 20 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर ब्रह्मांण्ड में हुए रहस्यमय विस्फोट के सटीक क्षणों की पहचान की गई है। अमेरिका की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है कि बीती गर्मियों के दौरान वे इस रहस्यमय चीज को समझने के काफी नजदीक तक पहुंचे हैं। बीती 17 जून को एटलस सर्वे के ट्विन टेलीस्कोप के जरिये आकाशीय क्षेत्र में हरक्युलस नक्षत्र के निकट इस घटना को कैद करने का दावा किया गया है।
शोधकर्ताओं के दल ने इस घटना को समझने के लिए कई चित्र संबंधी स्नोतों की मदद ली,जिसमें कठोर एक्स-रे और रेडियो तरंग जैसी चीजें शामिल की गई थीं। इस शोध में शामिल कई संस्थानों के विशेषज्ञों का कहना है कि टेलीस्कोप के जरिये यह जाना गया कि जिस चीज में से वह तारा टूट कर गिरा वह ब्लैक होल या न्यूट्रॉन स्टार जैसा ही कुछ हो सकता है।
घटना से संबंधित भौतिकी को समझने में मिलेगी मदद
इन विशेषज्ञों ने यह भी उम्मीद जताई है कि इस तरह की दुर्लभ घटना से खगोलविदों को निश्चित तौर पर संबंधित भौतिकी को समझने में व्यापक मदद मिलेगी, खासकर ब्लैक होल या न्यूट्रॉन स्टार के संबंध में। नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता राफेला मार्गटी का कहना है, ‘हम अब तक उस सिद्धांत को जानते आए हैं कि जब कोई तारा नष्ट होता है तो उससे ब्लैक होल या न्यूट्रॉन स्टार का सृजन होता है।’ जब पहली बार इस घटना की पहचान की गई थी तो उसने खगोलविदों के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आकर्षण कायम किया था।
मार्गटी के मुताबिक, ‘हमारा मानना है कि यह निश्चित रूप से सुपरनोवा हो सकता है, लेकिन इस बारे में ज्यादा जानना अभी भी चुनौती भरा है जिसे समझने की कोशिश जारी है। दरअसल सितारों की दुनिया के बारे में अभी बहुत कुछ जानना बाकी है। ’