अमेरिकी दिग्गज आइटी कंपनी ने भारत में दी करोड़ों की रिश्वत
मामला 2014 में चेन्नई में कंपनी के 27 लाख वर्गफुट क्षेत्रफल में परिसर के निर्माण से जुड़ा हुआ है। इसमें निर्माण कंपनी से तमिलनाडु सरकार के एक अधिकारी ने दो मिलियन डॉलर की रिश्वत मांगी थी।
वाशिंगटन, प्रेट्र। आइटी सेक्टर की दिग्गज अमेरिकी कंपनी कॉग्नीजेंट भारत में हुए रिश्वतखोरी मामले के एवज में अमेरिका के सुरक्षा एवं विनिमय आयोग को 25 मिलियन डॉलर (178 करोड़ रुपये) का अर्थदंड चुकाएगी। विधि विभाग ने कंपनी के दो उच्चाधिकारियों के खिलाफ रिश्वतखोरी का आपराधिक मामला दायर कराया है।
आइटी कंपनी के उच्चाधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने चेन्नई में तमिलनाडु सरकार के एक अधिकारी को कई करोड़ रुपये की रिश्वत दी। यह रिश्वत गैरकानूनी निर्माण में मदद पाने के लिए दी गई। इससे अमेरिका के विदेश में भ्रष्ट तौर-तरीके अपनाने के खिलाफ बने कानून का उल्लंघन हुआ। आइटी कंपनी प्रथम दृष्टया कानून के उल्लंघन की दोषी पाई गई है। इसके चलते कंपनी 25 मिलियन डॉलर का अर्थदंड सरकार को चुकाने को तैयार हुई है।
मामला 2014 में चेन्नई में कंपनी के 27 लाख वर्गफुट क्षेत्रफल में परिसर के निर्माण से जुड़ा हुआ है। इसमें निर्माण कंपनी से तमिलनाडु सरकार के एक अधिकारी ने दो मिलियन डॉलर (करीब 1.40 करोड़ रुपये) की रिश्वत मांगी थी। शिकायत के अनुसार कंपनी के प्रेसिडेंट गॉर्डन कोबर्न और चीफ लीगल ऑफीसर स्टीवन ई शेवाटर्ज ने निर्माण ठेकेदार को सरकारी अधिकारी को रिश्वत देने का निर्देश दिया था। आयोग का आरोप है कि कंपनी ने 1.6 मिलियन डॉलर (करीब 1.10 करोड़ रुपये) के दो और रिश्वत मामलों को भी अंजाम दिया था। रिश्वतखोरी के मामलों को पूरा करने के लिए ठेके की शर्तो में भी फेरबदल कराया गया। आयोग ने कंपनी के दोनों शीर्ष अधिकारियों को भ्रष्टाचार से जुड़े आधा दर्जन मामलों में संलिप्त पाया है।