US : ह्यूस्टन स्थित बीजिंग महावाणिज्य दूतावास पुलिस का पहरा, तनाव की पराकाष्ठा पर पहुंचे रिश्ते
बीजिंग और वाशिंगटन के रिश्ते तनाव के एक नए युग में प्रवेश कर गए हैं। पहले अमेरिका ने चीनी वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया इसके बाद चीन ने भी ऐसा ही कदम उठाया।
ह्यूस्टन, एजेंसी। बीजिंग और वाशिंगटन के रिश्ते तनाव के एक नए युग में प्रवेश कर गए हैं। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के कारण ह्यूस्टन शहर में स्थिति चीनी वाणिज्य दूतावास को चार दशकों बाद बंद कर दिया गया। इससे दोनों देशों के बीच तनाव और गहरा गया है। कोरोना महामारी के प्रसार का मामला हो या चीन में अल्पसंख्यक उइगर मुसलमानों के साथ मानवाधिकारों का उल्लंघन और हांगकांग के विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने को लेकर बीजिंग और अमेरिका के बीच रिश्ते कटू हो गए हैं। दोनों देशों के बीच अब आरोप और प्रत्यारोप का नया दौर शुरू हो गया है।
चीन सरकार का चार दशकों से इस इमारत पर कब्जा
बुधवार को अमेरिका और चीन के बीच शुरू हुआ टकराव तब चरम पर पहुंच गया, जब अमेरिका ने बीजिंग को ह्यूस्टन स्थित महावाणिज्य दूतावास को 72 घंटे के अंदर बंद करने को कहा है। यह अविध समाप्त होने के बाद दूतावास को खाली करा लिया गया है। शुक्रवार की सुबह वाणिज्य दूतावास के कर्मचारी इमारत से अपना सामान हटाते देखे गए। ह्यूस्टन वाणिज्य दूतावास की इमारत पर अमेरिकी अधिकारियों ने कब्जा कर लिया। बेदखली की समय सीमा से पहले ह्यूस्टन पुलिस ने इमारत के चारो ओर बैरिकेड्स स्थापित किए। आस-पास की सड़कों को सील कर दिया गया। बता दें कि चीन सरकार ने चार दशकों से इस इमारत पर कब्जा कर रखा था। उधर, करीब 30 प्रदर्शनकारियों ने बैनर के साथ वाणिज्य दूतावास के बाहर जश्न मनाते देखा गया।
दोनों देशों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू
उधर, अमेरिका ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि चीनी वाणिज्य दूतावास जासूसी और बौद्धिक संपदा का अड्डा बना चुका था। शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों ने दूतावास को जासूसी का केंद्र कहा। उधर, चीन ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शुक्रवार को चेंगदू में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया। यह फैसला लेते समय चीन ने अमेरिका पर अपने आंतरिक मामले में हस्तक्षेप और राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया।