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चीन ने कहा, अमेरिका से कारोबारी वार्ता के लिए हमेशा तैयार

चीन ने अमेरिका के साथ अपने कारोबारी रिश्ते को दुनियाभर की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 10:44 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 10:44 PM (IST)
चीन ने कहा, अमेरिका से कारोबारी वार्ता के लिए हमेशा तैयार

 वाशिंगटन, प्रेट्र। चीन ने अमेरिका के साथ अपने कारोबारी रिश्ते को दुनियाभर की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया है। अमेरिकी सरकार के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में चीन ने कहा कि बीजिंग ने ट्रंप प्रशासन के साथ कारोबारी बातचीत के लिए अपने दरवाजे हमेशा खुले रखे हैं।

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प्रेस वार्ता में चीन सरकार के सलाहकार यांग जाइची ने कहा कि यूएस-चाइना बिजनेस काउंसिल के मुताबिक चीन के साथ कारोबारी और आर्थिक रिश्ते की बदौलत हर अमेरिकी परिवार सालाना करीब 850 डॉलर की बचत करने में कामयाब होता है। इसके साथ ही इस रिश्ते से चीन में हर वर्ष रोजगार के करीब 60 लाख अवसर पैदा होते हैं। इस मौके पर अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो, रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस और चीन के रक्षा मंत्री वी फेंग भी मौजूद थे।

 जाइची ने कहा, 'हमारे (यूएस-चाइना) कारोबारी और आर्थिक रिश्ते प्राकृतिक रूप से दोनों के लिए फायदेमंद हैं और इससे अब तक दोनों देशों और उनके नागरिकों को जबर्दस्त लाभ हुए हैं। ग्लोबल औद्योगिक चेन का हिस्सा होने के नाते चीन-अमेरिका के कारोबारी रिश्ते दुनियाभर में संसाधनों के बेहतर आवंटन में मदद करते हैं। इस वजह से हमारे रिश्ते दुनियाभर की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद संवेदनशील हैं।'

वहीं, पोंपियो का कहना था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई मौकों पर स्पष्ट किया है कि चीन के साथ रचनात्मक और निर्णय-केंद्रित रिश्तों के लिए अमेरिका हमेशा तैयार है, बशर्ते उस रिश्ते में सम्मान और बराबरी का भाव हो।

उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि ईरान के परमाणु मिसाइल कार्यक्रमों के मुद्दे पर चीन सरकार और ऊर्जा कंपनियां अमेरिका का सहयोग करेंगी। उन्होंने कहा कि ईरान के खिलाफ चलाए गए अभियान का मुख्य मकसद वहां से कच्चे तेल के निर्यात को शून्य पर लाना है।

गौरतलब है कि अमेरिका और चीन इस वक्त ट्रेड वार में आकंठ डूबे हैं। दिलचस्प यह है कि अमेरिका द्वारा चीन से आयात पर लगातार शुल्क लगाए और बढ़ाए जाने के बावजूद पिछले कुछ महीनों में अमेरिका में चीन की वस्तुओं का आयात बढ़ा ही है। इस महीने के अंत में अर्जेटीना में प्रस्तावित जी-20 सम्मेलन में ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात होनी है।

चीन के पहले इंपोर्ट एक्सपो में करीब 58 अरब डॉलर के सौदे
बीजिंग। चीन के पहले इंटरनेशनल इंपोर्ट एक्सपो में 57.83 अरब डॉलर मूल्य के सौदे हुए हैं। भारत ने कृषि उत्पाद, फार्मास्युटिकल्स, आइटी और आइटी इनेबल्ड सर्विसेज (आइटीईएस), पर्यटन और सेवा क्षेत्र के उत्पादों के साथ प्रदर्शनी में हिस्सा लिया। वाणिज्य सचिव अनूप वधावन ने भारतीय पैवेलियन का उद्घाटन किया। भारत की कई कंपनियों ने चीन की कंपनियों से करार किए। शनिवार को समाप्त हुए एक्सपो के बाद आधिकारिक आंकड़ों में कहा गया कि एक्सपो में भारत समेत 172 देशों ने शिरकत की। पांच दिनों का यह एक्सपो इस आलोचना के साथ शुरू हुआ था कि दुनियाभर में निर्यात के मुकाबले बहुत कम आयात करता है।


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