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अमेरिकी सीनेट के सामने पेश होंगे ट्विटर, फेसबुक व गूगल के सीईओ, सांसद करेंगे सवाल-जवाब

फेसबुक और ट्विटर ने शुक्रवार को इस बात की पुष्टि कि उनके सीईओ क्रमश मार्क जुकरबर्ग और जैक डोरसी समिति के समक्ष उपस्थित होंगे। सूत्रों के मुताबिक अल्फाबेट के स्वामित्व वाले गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई भी गवाही देने आएंगे।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 03 Oct 2020 06:57 PM (IST)Updated: Sat, 03 Oct 2020 06:57 PM (IST)
समिति के सामने सीईओ की पेशी वर्चुअल तरीके से होगी।

वाशिंगटन, रायटर। फेसबुक, ट्विटर और गूगल के सीईओ 28 अक्टूबर को सीनेट की वाणिज्य समिति के समक्ष स्वेच्छा से गवाही देने के लिए सहमत हो गए हैं। इंटरनेट कंपनियों की रक्षा करने वाले एक प्रमुख कानून के बारे में इन तकनीकी कंपनियों के कर्ताधर्ताओं से सांसद सवाल-जवाब करेंगे।

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फेसबुक और ट्विटर ने शुक्रवार को इस बात की पुष्टि कि उनके सीईओ क्रमश: मार्क जुकरबर्ग और जैक डोरसी समिति के समक्ष उपस्थित होंगे। सूत्रों के मुताबिक अल्फाबेट के स्वामित्व वाले गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई भी गवाही देने आएंगे। यह जानकारी उस फैसले के एक दिन बाद सामने आई है जब समिति ने तीनों कंपनियों के सीईओ को गवाही देने के लिए बुलाने की योजना को सर्वसम्मति से मंजूरी प्रदान कर दी थी।

वर्चुअल तरीके से होगी सीईओ की पेशी

ट्विटर के सीईओ डोरसी ने शुक्रवार को ट्वीट करके कहा कि सुनवाई रचनात्मक और इस बात पर केंद्रित होनी चाहिए कि अमेरिकी लोगों के लिए सबसे ज्यादा क्या मायने रखता है और हम चुनावों की रक्षा के लिए एक साथ कैसे काम करते हैं। खास बात यह है कि समिति के सामने सीईओ की पेशी वर्चुअल तरीके से होगी। 

बता दें कि हाल ही में गूगल, फेसबुक, एपल और अमेजन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रतिनिधि सभा की ज्यूडिशियरी कमेटी के एंटीट्रस्ट पैनल के सामने पेश हुए थे। पैनल इस बात की जांच कर रहा है कि कैसे कंपनियों का कामकाज अपने प्रतिद्वंद्वियों के कामकाज को नुकसान पहुंचा रहा है। माना जा रहा है अगले सोमवार तक इसकी रिपोर्ट आएगी।

वहीं, दूसरी ओर यूएस राष्ट्रपति चुनावों को प्रभावित होने से बचाने के लिए सख्ती दिखाते हुए फेसबुक ने कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके मद्देनजर कंपनी ने इंस्टाग्राम फोटो और वीडियों शेयरिंग सेवा पर यूएस चुनावों को प्रभावित करने वाले पोस्टों की अपलोडिंग पर प्रतिबंध लगाया है। कंपनी की तरफ से यह फैसला इन पोस्टों का चुनाव प्रक्रिया पर कोई प्रतिकूल असर ना पड़े, इसलिए लिया गया है।


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