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Boeing Starliner Capsule: बोइंग को मिली बड़ी कामयाबी, बिना चालक के स्टारलाइनर क्रू कैप्सूल पहली बार अंतरिक्ष में पहुंचा

बोइंग का नया स्टारलाइनर कैप्सूल पहली बार अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन में बिना अंतरिक्ष यात्री के पहुंचा है। इसे बोइंग ने शुक्रवार को कई वर्षों की विफलता के बाद लांच किया। यह एक महत्वपूर्ण बिना चालक वाली परीक्षण उड़ान है।

By Achyut KumarEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 01:00 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 03:21 PM (IST)
Boeing Starliner Capsule: बोइंग को मिली बड़ी कामयाबी, बिना चालक के स्टारलाइनर क्रू कैप्सूल पहली बार अंतरिक्ष में पहुंचा
Boeing Starliner capsule docks with space station (Nasa)

वाशिंगटन, रायटर। बोइंग का नया स्टारलाइनर क्रू कैप्सूल (स्‍टारलाइनर स्‍पेसक्राफ्ट) बिना अंतिरक्ष यात्री के पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) में दाखिल हो गया है। यह कैप्सूल करीब चार से पांच दिन वहां रहेगा। इस मिशन के जरिए बोइंग दुनिया को यह दिखाना चाहती है कि उसका स्‍पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने के लिए तैयार है।

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नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के हिस्से के रूप में क्रू-सक्षम सिस्टम की एंड-टू-एंड क्षमताओं का परीक्षण करने के लिए डिज़ाइन किए गए मिशन पर यह Starliners का तीसरा प्रयास था। स्टारलाइनर कैप्सूल की आईएसएस के साथ डॉकिंग रात 8:28 बजे हुई। लिंकअप के लाइव नासा वेबकास्ट पर कमेंटेटर के अनुसार,

ईडीटी (0028 जीएमटी शनिवार) के रूप में दो वाहनों ने ऑस्ट्रेलिया के तट से दूर दक्षिण हिंद महासागर के 271 मील (436 किमी) ऊपर से उड़ान भरी।

दिसंबर 2019 में किया पहला प्रयास

पहला प्रयास दिसंबर 2019 में था, जो सॉफ्टवेयर गड़बड़ियों की एक श्रृंखला के कारण विफल रहा। इसके बाद पिछले साल अगस्त में दूसरे प्रयास किया गया, जिसमें बोइंग ने कुछ प्रणोदक वाल्वों की खोज के बाद, जो ठीक से काम नहीं कर रहे थे, लिफ्टऑफ से कुछ घंटे पहले उड़ान रोक दी।

शुक्रवार को बोइंग ने स्टारलाइनर कैप्सूल को किया लांच

अमेरिकी एयरोस्पेस की दिग्गज कंपनी बोइंग (Boeing) ने अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए अपने स्टारलाइनर कैप्सूल को आज लांच कर दिया है। यह एक महत्वपूर्ण बिना चालक वाली परीक्षण उड़ान है जिसे कई वर्षों की विफलता के बाद लांच किया गया है। यह परीक्षण काफी वक्‍त से पेंडिंग था, जिसे पहले साफ्टवेयर में कमी के कारण रोक दिया गया था।

दूसरी और लांचिग के कुछ देर बाद ही बोइंग के स्टारलाइनर को आइएसएस के रास्ते में आगे बढ़ने में समस्याओं का सामना करना पड़ा था। नासा का कहना था कि मिशन ट्रैक पर बना हुआ है।

परीक्षण के जरिए अपनी ताकत दिखाना चाहती है बोइंग

इस परीक्षण के जरिए बोइंग कंपनी अपनी ताकत दिखाना चाहती है और बताना चाहती है कि उसका स्‍पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सुरक्षि‍त है। मिशन सफल होने से बोइंग को जेटलाइनर बिजनेस में फायदा मिल सकता है।


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