Move to Jagran APP

बीमारियों से मिलेगी निजात, ब्‍लड टेस्‍ट से भी लग सकता है गट बैक्टीरिया की विविधता का पता

Gut bacteria identify by bloot test अमेरिकी वैज्ञानिकों ने गट बैक्टीरिया यानी आंत में पाए जाने वाले बैक्टीरियाओं की विविधता का पता लगाने का एक नया तरीका विकसित किया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 09 Sep 2019 09:32 AM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2019 02:35 PM (IST)
बीमारियों से मिलेगी निजात, ब्‍लड टेस्‍ट से भी लग सकता है गट बैक्टीरिया की विविधता का पता

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका के सिएटल स्थित इंस्टीट्यूट फॉर सिस्टम बायोलॉजी (आइएसबी) के वैज्ञानिकों ने गट बैक्टीरिया यानी आंत में पाए जाने वाले बैक्टीरियाओं की विविधता का पता लगाने का एक नया तरीका विकसित किया है। शोधकर्ताओं ने व्यक्ति के रक्त में कुछ रसायनों की जांच करके रक्त में मौजूद मॉलीक्यूल और कुछ गट बैक्टीरियाओं की संख्या के बीच एक कड़ी का अध्ययन किया है। इससे किसी भी व्यक्ति को बीमार होने से बचाया जा सकता है। जिसके परिणाम नेचर बायोटेक्नोलॉजी नामक पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं।

loksabha election banner

अध्ययन के मुताबिक, शोध के परिणामों ने ऐसे व्यक्ति की पहचान करने के लिए एक तेज, सस्ता और विश्वसनीय परीक्षण का तरीका विकसित करने के संभावना पैदा की है जिनकी आंतों में बैक्टीरियाओं की विविधता कम पाई जाती है। एक व्यक्ति के पाचन तंत्र में कई प्रकार के बैक्टीरिया पाए जाते हैं। इनमें से कुछ शरीर को सुरक्षा प्रदान करते हैं तो कुछ बीमारियों का कारण भी बनते हैं।

वर्ष 2018 में ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुए एक अध्ययन में कहा गया है कि बावेल सिंड्रोम जैसी बीमारियां कुछ विशेष बैक्टीरियाओं जैसे बिफिडोबैक्टीरियम का अनुपात कम होने से जुड़ी होती हैं। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के मुताबिक क्लॉस्टिडियम डिफिसाइल (सी. डिफ) जैसे कुछ बैक्टीरियाओं को लोगों के लिए घातक माना जाता है। ये बैक्टीरिया यदि आंत में अनुपात से बाहर निकलते हैं तो व्यक्ति की मौत तक हो जाती है।

स्वस्थ माइक्रोबायोम का लग सकता है पता
आइएसबी के सह निदेशक और इन अध्ययन के सह-लेखक प्रोफेसर नाथन प्राइस ने कहा कि स्वास्थ्य और माइक्रोबायोम (सूक्ष्म जीव संरचना) के बारे में विस्तृत जानकारी के बिना एक स्वस्थ गट माइक्रोबायोम को परिभाषित करना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि एक लेंस के मदद से माइक्रोबायोम की संरचना के बारे में पता लगाया जा सकता है। प्राइस ने कहा कि इस तरीके से हम स्वस्थ माइक्रोबायोम का भी पता लगा सकते हैं।

विविधता का लगा सकते हैं अनुमान
एक उपभोक्ता वैज्ञानिक कल्याण कार्यक्रम में कई सौ प्रतिभागियों के रक्त का विश्लेषण करने पर शोधकर्ताओं ने पाया कि वे पाचन तंत्र के बैक्टीरियाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी विविधता का अनुमान लगा सकते हैं। यह विधि के जरिये उन लोगों की पहचान की जा सकती है जिनके पाचन तंत्र में बैक्टीरियों की विविधता कम होती है। लंबे समय से शोधकर्ता यह समझने का प्रयास कर रहे थे कि इन बैक्टीरियों के बीच आनुवांशिक विविधता को विशिष्ट रोग से ग्रसित लोगों और स्वस्थ व्यक्तियों में भी कैसे बनाए रखा जाता है।

बीमारी से बच सकते हैं लोग
शोधकर्ताओं ने कहा कि मोटापे से ग्रसित लोगों को छोड़ दें तो औरों के पाचन तंत्र में पाए जाने वाले छोटे मॉलीक्यूल और गट बैक्टीरियाओं की विविधता का संबंध बना रहता है। आइएसबी के सहायक प्रोफेसर डॉ. सीन गिबंस ने कहा कि मोटापे का एक कारण शरीर में बैक्टीरियों की विविधता का अनुपात बिगड़ना भी है। कई बार कुछ बैक्टीरिया पाचन तंत्र में लगातार बढ़ते रहते हैं, जिससे लोग बीमार होने लगते हैं। यदि समय रहते खून की जांच की जाए तो इनकी वृद्धि को रोका जा सकता है और व्यक्ति को बीमार होने से बचाया जा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.