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नष्ट होने वाला प्लास्टिक बनाने की दिशा में बढ़े कदम

वैज्ञानिक लंबे समय से ऐसे जैविक प्लास्टिक का निर्माण करने में जुटे थे जो जमीन में आसानी से गल सके।

By Manish NegiEdited By: Published: Sun, 24 Jun 2018 09:01 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jun 2018 09:01 PM (IST)
नष्ट होने वाला प्लास्टिक बनाने की दिशा में बढ़े कदम
नष्ट होने वाला प्लास्टिक बनाने की दिशा में बढ़े कदम

वाशिंगटन, प्रेट्र। जमीन से लेकर समुद्र तक बढ़ रहा प्लास्टिक प्रदूषण पूरे विश्व के सामने सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। इस समस्या से निपटने के लिए वैज्ञानिक लंबे समय से ऐसे जैविक प्लास्टिक का निर्माण करने में जुटे थे जो जमीन में आसानी से गल सके। कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं को इस दिशा में कुछ सफलता मिली है। उन्होंने बैक्टीरिया, शैवाल और अन्य सूक्ष्मजीवों द्वारा बनाए जाने वाले पॉलीमर को कृत्रिम रूप से तैयार करने में सफलता हासिल की है। आने वाले समय में यह में प्राकृतिक रूप से नष्ट होने और उच्च गुणवत्ता वाले नवीकरणीय प्लास्टिक के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगा।

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बैक्टीरियल पॉली 3-हाइड्रॉक्सीबटीरेट (पी3एचबी) नामक यह पॉलीमर औद्योगिक निर्माण में इस्तेमाल होने वाले पेट्रोलियम प्लास्टिक की जगह ले सकता है। पहले इसका इस्तेमाल केवल बॉयोमेडिकल क्षेत्र में किया जाता था। वैज्ञानिकों ने कम खर्च में कृत्रिम पी3एचबी का निर्माण करने के लिए सक्सीनेट नामक पदार्थ का इस्तेमाल किया। यह पदार्थ सक्सीनिक एसिड और एल्कोहल की प्रतिक्रिया से बनता है। सक्सीनेट के इस्तेमाल से बनाए गए पी3एचबी और सूक्ष्म जीवों द्वारा बनाए गए पी3एचबी की विशेषताएं एक जैसी हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक इस कृत्रिम पॉलीमर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि कम कीमत और ज्यादा तेजी से बड़ी मात्रा में इसका उत्पादन किया जा सकता है।


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