अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए हवाई प्रांत में हुए प्राइमरी चुनाव में जीते बिडेन
कोरोना वैश्विक महामारी के चलते यह चुनाव एक महीने से ज्यादा की देरी से कराया गया। मतदान प्रक्रिया डाक के माध्यम से संपन्न कराई गई।
होनोलूलू, एपी। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी से प्रबल दावेदार जो बिडेन ने हवाई प्रांत में हुए पार्टी के प्राइमरी चुनाव में जीत हासिल कर ली है। शनिवार को हुए इस चुनाव में पूर्व अमेरिकी उपराष्ट्रपति बिडेन ने 63 प्रतिशत मत हासिल किए। उनके प्रतिद्वंद्वी बर्नी सैंडर्स को महज 37 प्रतिशत वोट मिले।
कोरोना महामारी के चलते यह चुनाव देरी से कराया गया
कोरोना वैश्विक महामारी के चलते यह चुनाव एक महीने से ज्यादा की देरी से कराया गया। मतदान प्रक्रिया डाक के माध्यम से संपन्न कराई गई। इस चुनाव में बिडेन के समर्थन वाले 16 डेलीगेट ने जीत दर्ज की। दूसरी तरफ सैंडर्स के आठ डेलीगेट चुनाव जीत पाए।
बिडेन की झोली में 1566 डेलीगेट आ चुके, राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए चाहिए 1991
अब तक के नतीजों के आधार पर बिडेन की झोली में 1566 डेलीगेट आ चुके हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए उन्हें कुल 1991 डेलीगेट की आवश्यकता है। इसे अगले महीने तक हासिल कर लेने की संभावना जताई गई है। रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का उम्मीदवार चुना जाना तय माना जा रहा है।
बिडेन के लिए चंदा
कोरोना महामारी के बीच अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद के भावी उम्मीदवार जो बिडेन के लिए भारतवंशी उद्यमी देवेन पारेख फंड इकट्ठा करने के काम में जुटे हैं। वर्चुअल माध्यम से चंदा जुटाने के काम में पारेख को अन्य उद्यमियों का भी साथ मिला है। इंसाइट पार्टनर्स के प्रबंध निदेशक पारेख ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के लिए भी चंदा इकट्ठा किया था। पारेख ओबामा के शासनकाल में ओवरसीज प्राइवेट इंवेस्टमेंट कॉरपोरेशन के निदेशक मंडल में अपनी सेवा दे चुके हैं।
बिडेन राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी से सबसे मजबूत उम्मीदवार
अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी से सबसे मजबूत उम्मीदवार बनकर उभरे हैं। नवंबर में होने वाले चुनाव में उनका मुकाबला वर्तमान राष्ट्रपति व रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप से तय माना जा रहा है। फंड जुटाने के कार्यक्रम के दौरान बिडेन ने कहा कि अगर ट्रंप गंभीर होते तो अमेरिका में कोरोना संक्रमण से इतनी ज्यादा संख्या में लोगों की मौत नहीं होती।