शेख मुजीबुर्रहमान के हत्यारों में शामिल रशीद चौधरी को US से भेजने की प्रक्रिया शुरू
मोमन ने कहा कि बांग्लादेश ने कई बार अमेरिका से बांग्लादेश के पूर्व सैन्य अधिकारी चौधरी को सौंपने का आग्रह कर चुका है। चौधरी 15 वर्षों से अमेरिका में शरण लिए हुए है।
ढाका, एजेंसी। बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर्रहमान के हत्यारों में शामिल रशीद चौधरी को अमेरिका से वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ एके अब्दुल मोमन ने कहा कि बांग्लादेश ने कई बार अमेरिका से बांग्लादेश के पूर्व सैन्य अधिकारी चौधरी को सौंपने का आग्रह कर चुका है। चौधरी 15 वर्षों से अमेरिका में शरण लिए हुए है। मोमन ने आईएएनएस को बताया कि उन्होंने बांग्लादेश के अमेरिकी राजदूत अर्ल आर मिलर से चौधरी को वापस भेजने का आग्रह किया था। इसके पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के साथ अपनी बैठक के दौरान मॉमन ने चौधरी का मुद्दा उठाया और हत्यारे को बांग्लादेश वापस भेजने के लिए अमेरिका से समर्थन मांगा था।
रद हो सकती चौधरी की अमेरिकी सुरक्षा
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चौधरी की मौत की सजा को अमल में लाने के लिए बांग्लादेश ने अपने प्रयास तेज कर दिए थे। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि चोधरी की अमेरिकी सुरक्षा को रद किया जा सकता है। एटॉर्नी जनरल विलियम बर ने याचिका के जवाब के लिए सभी पक्षों के लिए 31 जुलाई की समय सीमा निर्धारित की है। ऑनलाइन पोर्टल पोलिटिको की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले महीने एटॉर्नी जनरल विलियम ने चार दशक पुराने मामले इस फाइल को चुपचाप फिर से खोल दिया। उधर, चौधरी की कानूनी टीम का कहना है कि यदि उसे बांग्लादेश को सुपुर्द किया जाता है तो उसकी हिफाजत का जिम्मा लिया जाए। चौधरी कई साल पुराने तख्तापलट का प्रमुख खिलाड़ी था और वह मौत की सजा का सामना कर रहा है।
रशीद चौधरी और नूर चौधरी पर सरकार की निगाहें
मोमन ने कहा रशीद चौधरी अमेरिका में हैं और एसएचएमबी नूर चौधरी कनाडा में रह रहे हैं। इस साल 17 मार्च से बंगबंधु की जन्मशताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है, सरकार दोनों दोषियों को वापस भेजने के लिए अमेरिका और कनाडा पर दबाव डाल रही है। हम उन्हें वापस लाने के अपने प्रयासों को जारी रख रहे हैं। मोमन ने कहा कि अमेरिका ने पहले बांग्लादेश में बंगबंधु के एक अन्य सजायाफ्ता हत्यारे मोहिउद्दीन अहमद को निर्वासित किया था।
भारत की ओर से बांग्लादेश के लिए सबसे बड़ा उपहार
मोमन ने कहा कि इस वर्ष में भारत की ओर से बांग्लादेश के लिए सबसे बड़ा उपहार है। हम बहुत भाग्यशाली थे कि भारत ने हमारे आवेदन का दृढ़ता और सकारात्मक कार्रवाई के साथ जवाब दिया। सरकार अदालत के फैसले को लागू करने के लिए बंगबंधु के सजायाफ्ता हत्यारों को वापस लाना चाहती है। इस बीच, भारत और बांग्लादेश की खुफिया एजेंसियों के संयुक्त अभियान में एक और भगोड़ा कैप्टन अब्दुल मजीद (retd) की गिरफ्तारी हुई है। उसको भारत में अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था और उनकी मौत की सजा उसी महीने में हुई थी।
13 अप्रैल, 2020 को अब्दुल मजीद को फांसी
13 अप्रैल, 2020 को बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर्रहमान के हत्यारों में शामिल अब्दुल मजीद को शनिवार देर रात फांसी देने के बाद अन्य पांच हत्यारों की तलाश तेज हो गई है। यहां के कानून मंत्री ने रविवार को कहा कि बाकी पांच हत्यारों को जल्द गिरफ्तार कर फांसी दी जाएगी। इन हत्यारों को सुप्रीम कोर्ट 2009 में फांसी की सजा सुना चुकी है। वे भगोड़े घोषित हैं। हाल में पकड़े गए इन भगोड़ों में शामिल अब्दुल मजीद को रविवार रात 12 बजकर 01 मिनट पर फांसी पर दी गई थी। उसका माफीनामा राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने खारिज कर दिया था।
कानून मंत्री अनीसुल हक ने अपने घर से वीडियो संदेश जारी कर बताया बंगबंधु के पांच हत्यारों को 28 जनवरी 2010 में फांसी दी गई थी। सरकार ने बाकियों को भी फांसी देने का वादा किया था। यह बेहद संतोषजनक बात है कि अब मजीद को केरानीगंज की ढाका सेंट्रल जेल में फांसी दी गई है। बचे हुए पांच हत्यारों को बांग्लादेश लाकर सजा दी जाएगी। उन्होंने हत्यारों की वापसी को बड़ी चुनौती बताया।
1975 को उनके ढाका स्थित आवास पर 18 सदस्यों की मौत
गौरतलब है कि बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति शेख मुजीब को उनके परिवार के 18 सदस्यों को और 15 अगस्त, 1975 को उनके ढाका स्थित आवास पर मार दिया गया था। मरने वालों में उनकी पत्नी, बेटों और भाई शामिल थे। परिवार के दो सदस्य शेख हसीना और उनकी छोटी बहन शेख रेहाना बच गए थे, क्योंकि वे उस समय जर्मनी में थे।