मुंबई हमले के मुख्य आरोपित तहव्वुर राणा को नहीं मिली जमानत, अमेरिकी अदालत ने खारिज की याचिका
तहव्वुर राणा मूल रूप से पाकिस्तान का रहने वाला है और वह दस साल सेना की चिकित्सा कोर में काम कर चुका है। 2006 से तहव्वुर और हेडली ने पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों के साथ मिलकर मुंबई हमले की साजिश रची थी।
वाशिंगटन, एएनआइ। मुंबई आतंकी हमले के मुख्य आरोपित और पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा की जमानत याचिका अमेरिका के एक कोर्ट ने ठुकरा दी है। अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि जमानत देने से उसके भाग जाने के खतरे से इन्कार नहीं किया जा सकता है। बता दें कि तहव्वुर राणा को भारत ने भगोड़ा घोषित कर रखा है। डेविड कोलमैन हेडली के बचपन के दोस्त 59 वर्षीय राणा को भारत के प्रत्यर्पण के अनुरोध पर लॉस एंजिलिस में 10 जून को दोबारा गिरफ्तार किया गया था।
पाकिस्तानी-अमेरिकी लश्कर आतंकी हेडली वर्ष 2008 के मुंबई आतंकी हमले की साजिश रचने में शामिल था। बाद में वह इस मामले में सरकारी गवाह बन गया था। फिलहाल वह हमले में अपनी भूमिका के लिए अमेरिका की जेल में 35 वर्ष की सजा काट रहा है। बता दें कि वर्ष 2008 में हुए इस हमले में छह अमेरिकियों समेत 166 लोग मारे गए थे।
यूएस डिस्टि्रक कोर्ट ऑफ लॉस एंजिलिस के जज जैकलीन चूलीजियान ने 10 दिसंबर को जारी अपने आदेश में कहा, 'राणा ने अपनी जमानत अर्जी में तमाम ऐसी दलीलें हैं, जो उसके भागने के जोखिम को कम करती हैं। हालांकि अदालत को अभी भी लगता है कि जमानत मिलने पर उसके भागने का खतरा बरकरार है। इसलिए वह राणा को निरंतर हिरासत में रखने के अमेरिकी सरकार के अनुरोध को स्वीकार करती है।' इस बीच अदालत में अमेरिकी सरकार ने भारत के उस अनुरोध का समर्थन किया है, जिसमें उसने राणा के प्रत्यर्पण के सिलसिले में प्रस्तुत दस्तावेजों को सार्वजनिक नहीं करने को कहा है।