इजरायल के साथ खत्म होगा तनाव, UAE और बहरीन करेंगे समझौते पर हस्ताक्षर
व्हाइट हाउस में इजरायल-फलस्तीन के बीच तनाव को खत्म करते हुए इससे दोस्ती करने वाला UAE और बहरीन तीसरा और चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले मिस्र और जार्डन का नाम है।
वाशिंगटन, रॉयटर्स। इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य करने की दिशा में बढ़ने वाले देशों में दो और अरब देश संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन का नाम शामिल हो जाएगा। मंगलवार को ये दोनों देश इसके लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस सेरेमनी की मेजबानी करेंगे। इसमें दशकों से चले आ रहे फलस्तीनियों के साथ इजरायल के विवादों को विराम देने के क्रम में UAE और बहरीन (Bahrain) एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।
संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के बाद अब इस बात की संभावना प्रबल होती दिख रही है कि जल्द ही ओमान के साथ भी इजराइल का शांति समझौता हो सकता है और इसके साथ ही इन दोनों देशों के बीच औपचारिक राजनयिक संबंधों की शुरुआत हो सकती है। वर्ष 2018 में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ओमान के दौरे पर गए थे उस वक्त वहां के नेता सुल्तान काबूस के साथ मध्य-पूर्व में शांति के मुद्दे पर चर्चा की थी। ओमान ने बहरीन और इसराइल के शांति समझौते का स्वागत किया है और इसे इजरायल और फिलीस्तीन के बीच शांति स्थापित करने में अहम भूमिका निभाने वाला कदम बताया है।
अमेरिका की छत्रछाया में आयोजित सेरेमनी में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu), एमिराती विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाह्यान ( Sheikh Abdullah bin Zayed al-Nahyan) और बहरीन के विदेश मंत्री अब्दुल्लातीफ (Abdullatif Al Zayani) मौजूद हेांगे। इस डील के बाद दोनों देश तीसरे और चौथे अरब देश होंगे जो इजरायल के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। इस समझौते पर 1979 में मिस्र और 1994 में जार्डन ने हस्ताक्षर किया था। अमेरिका की छत्रछाया में आयोजित सेरेमनी में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu), एमिराती विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाह्यान ( Sheikh Abdullah bin Zayed al-Nahyan) और बहरीन के विदेश मंत्री अब्दुल्लातीफ (Abdullatif Al Zayani) मौजूद हेांगे। इस डील के बाद दोनों देश तीसरे और चौथे अरब देश होंगे जो इजरायल के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। इस समझौते पर 1979 में मिस्र और 1994 में जार्डन ने हस्ताक्षर किया था।
सऊदी शाह सलमान बिन अब्दुलअजीज (Salman bin Abdulaziz) ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) से फोन पर बातचीत में कहा था कि फलस्तीन समस्या का समाधान हुए बिना इजरायल के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते।