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Astrazeneca vaccine: एस्ट्राजेनेका की कोरोना रोधी वैक्सीन की तीसरी डोज पैदा करती है मजबूत प्रतिरक्षा

तीसरी डोज दिए जाने के बाद वालंटियर में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबाडी का स्तर दूसरी डोज लेने के एक महीने के बाद के स्तर से भी बहुत ज्यादा बढ़ गया। यह नतीजे बहुत उत्साहजनक हैं। वैक्सीन की तीसरी डोज पैदा करती है मजबूत प्रतिरक्षा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 29 Jun 2021 12:20 AM (IST)Updated: Tue, 29 Jun 2021 12:20 AM (IST)
Astrazeneca vaccine: एस्ट्राजेनेका की कोरोना रोधी वैक्सीन की तीसरी डोज पैदा करती है मजबूत प्रतिरक्षा
दूसरी डोज के 30 हफ्ते बाद देने पर वायरस के खिलाफ एंटीबाडी का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ा मिला

न्यूयार्क, एजेंसी। आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा संयुक्त रूप से विकसित कोरोना रोधी वैक्सीन की तीसरी डोज वायरस के खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा पैदा करती है। आक्सफोर्ड के शोधकर्ताओं ने सोमवार को यह दावा किया। भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआइआइ) इस वैक्सीन को कोविशील्ड ब्रांड नाम से बनाती और वितरण करती है।

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वैक्सीन की तीसरी डोज पैदा करती है मजबूत प्रतिरक्षा 

क्लीनिकल ट्रायल के दौरान वालंटियर में वैक्सीन की तीसरी डोज मजबूत प्रतिरोधक क्षमता विकसित करती पाई गई है। इस नतीजे से यह संकेत मिलता है कि कोरोना वायरस के खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा पाने के लिए लोगों को इस वैक्सीन की तीसरी डोज एक विकल्प हो सकती है। अभी इस वैक्सीन की दो डोज दी जाती है। ब्रिटेन में जहां दोनों डोज के बीच चार से 12 हफ्ते का अंतर रखा गया है, वहीं भारत में यह अंतराल 12-16 हफ्ते का है।

ब्रिटेन में 90 वालंटियर पर ट्रायल किया गया 

अभी इस ट्रायल के आंकड़ों की समीक्षा की जानी बाकी है। ब्रिटेन में 90 वालंटियर पर यह ट्रायल किया गया है। ये ऐसे वालंटियर शामिल हैं जिन्होंने शुरुआत में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगवाई थी। इन लोगों को दूसरी डोज लेने के लगभग 30 हफ्ते बाद मार्च में इसकी तीसरी डोज दी गई थी।

तीसरी डोज दिए जाने के बाद वालंटियर में एंटीबाडी का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ गया

प्रयोगशाला विश्लेषण में पाया गया है कि तीसरी डोज दिए जाने के बाद वालंटियर में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबाडी का स्तर दूसरी डोज लेने के एक महीने के बाद के स्तर से भी बहुत ज्यादा बढ़ गया। यह नतीजे बहुत उत्साहजनक हैं। इससे यह भी पता चलता है कि जब समय के साथ दोनों डोज का असर कम होने लगेगा तब तीसरी डोज व्यापक सुरक्षा प्रदान कर सकती है।

प्रोफेसर पोलार्ड ने कहा- यह बहुत ही उत्साहजनक डाटा है

अध्ययन का नेतृत्व करने वाले आक्सफोर्ड के प्रोफेसर एंड्र्यू पोलार्ड ने कहा कि यह बहुत ही उत्साहजनक डाटा है जो बताता है कि बूस्टर डोज दी जा सकती है और वह प्रतिरक्षा को मजबूत करने में बहुत प्रभावी होगी।


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