एआइ आधारित उड़ने वाला सिर अंतरिक्षयात्रियों की करेगा मदद
वैज्ञानिक एआइ के क्षेत्र में निरंतर विकास कर रहे हैं। इसके जरिए ऐसे रोबोट, कंप्यूटर तैयार किए जा रहे हैं, जो मनुष्यों के जीवन को बेहद आसान कर देंगे।
बर्लिन [प्रेट्र]। वैज्ञानिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमता (एआइ)) के क्षेत्र में निरंतर विकास कर रहे हैं। इसके जरिए ऐसे रोबोट, कंप्यूटर और स्मार्टफोन तैयार किए जा रहे हैं, जो मनुष्यों के जीवन को बेहद आसान कर देंगे। इसी कड़ी में वैज्ञानिकों ने एक ऐसा उड़ने वाला सिर तैयार किया है, जो अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आइएसएस) में अंतरिक्षयात्रियों की मदद करेगा। वैज्ञानिकों ने इसे ‘फ्लाइंग ब्रेन’ नाम दिया है। ये फ्लाइंग ब्रेन जल्द ही आइएसएस में मौजूद अंतरिक्षयात्रियों की मदद के लिए वहां तैनात होगा।
जर्मनी के लिए तैयार किया उपकरण
नीदरलैंड स्थित एअरबस नाम की एक वैमानिकी कंपनी ने जर्मनी के डीएलआर स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के लिए सीमोन (क्रू इंट्रेक्टिव मोबाइल कंपैनियन) तैयार किया है। एआइ आधारित ये उपकरण अंतरिक्षयात्रियों के लिए सहायक का काम करेगा।
इस वर्ष होगी जांच
पांच किलोग्राम वजनी इस उड़ने वाले सिर की जर्मनी के अंतरिक्षयात्री अलेक्जेंडर ग्रेस्ट द्वारा आइएसएस में इस वर्ष जून से अक्टूबर के बीच जांच की जाएगी। एअरबस के माइक्रोग्रेविटी पेलोड्स के प्रमुख मानफ्रेड जमन के मुताबिक, एआइ आधारित सीमोन ऐसा पहला उपकरण होगा जो किसी अंतरिक्षयात्रा के दौरान सहायक का काम करेगा।
हम यूरोप की पहली ऐसी कंपनी हैं, जिसने ऐसा उपकरण तैयार किया है। ये मुक्त रूप से हवा में तैरने वाला सिर होगा, जिससे आइएसएस में अंतरिक्षयात्री बातचीत कर सकेंगे। ये फ्लाइंग ब्रेन अंतरिक्षयात्रियों को फैसले लेने में मदद करेगा।
ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की जानकारी अब मुफ्त में देगा गूगल, इस तरह करें अप्लाई
साल 2018 को ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का साल कहा जाए तो गलत नहीं होगा। ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को लेकर तमाम कंपनियों की तैयारी बता रही है कि आने वाले समय में ये कैसे तकनीक की परिभाषा बदल देगा। स्पेन की राजधानी बार्सिलोना में हुए मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस में तमाम बड़ी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट्स में ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक का इस्तेमाल किया है। ऐसे में अब गूगल इस तकनीक की जानकारी आपको मुफ्त में उपलब्ध कराएगा।
तकनीक की दुनिया में ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) पर खासा ध्यान दिया जा रहा है। इसको लेकर गूगल ने Learn with Google AI कोर्स लॉन्च किया है। इस कोर्स के पीछे गूगल का मकसद है कि ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग के बारे में सभी लोगों के पास जानकारी हो। इसके लिए गूगल ने “Learn with Google AI” वेबसाइट शुरू की है, ताकि लोगों को समझ में आ सके कि एआई तकनीक कैसे काम करती है। गूगल ने इसके लिए मशीन लर्निंग क्रैश कोर्स (एमएलसीसी) शुरू किया है। इस कोर्स को विशेषज्ञों ने तैयार किया है। गूगल का ये कोर्स निशुल्क है।
गूगल के एक अधिकारी के मुताबिक ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक लोगों के अलग-अलग नजरिये और जरूरतों को दर्शाता है। गूगल के एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि गूगल सभी को मुफ्त में शिक्षा दे रहा है। ये कोर्स उन सभी लोगों के लिए है, जो मशीन लर्निंग के बारे में जानना चाहते है। इस कोर्स की अवधि 15 घंटे की है। इस कोर्स में गूगल के रिसर्चर लेक्चर देंगे। एमएलसीसी कोर्स को गूगल की इंजीनियरिंग एजुकेशन टीम ने तैयार किया है।