महिला अधिकारों का उल्लंघन करने के लिए एमनेस्टी इंटरनेशनल ने ट्विटर को फटकारा
अधिकतर महिलाओं के लिए ट्विटर एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां उनके खिलाफ हिंसा एवं शोषण की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं और जिसकी जवाबदेही नाममात्र है।
सैन फ्रांसिस्को, आइएएनएस। सोशल नेटवर्किंग साइट 'ट्विटर' पर आॅनलाइन महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने में नाकाम रहने का आरोप लगा है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि ऑनलाइन महिलाओं के खिलाफ हिंसा एवं शोषण की रिपोर्टों पर अपर्याप्त रूप से जांच कर और प्रतिक्रिया देकर उनके अधिकारों का सम्मान करने में विफल रहा है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने 'टॉक्सिक ट्विटर: वॉयलेंस एंड एब्यूज अगेंस्ट वीमन ऑनलाइन' शीर्षक से अपनी रिपोर्ट पेश की है, जिसमें कहा गया है कि अधिकतर महिलाओं के लिए ट्विटर एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां उनके खिलाफ हिंसा एवं शोषण की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। मगर जिसकी जवाबदेही नाममात्र है।
ऐसे में महिलाएं खुद सतर्कता बरतने लगी हैं। खुलकर अपनी आवाज नहीं उठा पा रही हैं। अपने पोस्ट सोच-समझकर लिख रही हैं और हिंसा एवं शोषण की बढ़ती घटनाओं के कारण अधिकतर महिलाएं इस सोशल नेटवर्किंग साइट से दूर तक होने लगी हैं।
एमनेस्टी इंटरनेशनल की यह रिपोर्ट 86 महिलाओं से साक्षात्कार पर आधारित है। साक्षात्कार व्यक्तिगत तौर पर भी किए गए और समूह में भी। ट्विटर पर महिलाओं द्वारा शोषण संबंधी अनुभवों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शारीरिक या सेक्सुअल हिंसा भी शामिल है। एक महिला की पहचान से जुड़े कई पहलुओं को लेकर भी भेदभावपूर्ण तरीके से उन्हें निशाना बनाया जाता है।
ट्विटर पर महिलाओं की निजता का भी उल्लंघन किया जा रहा है। बिना उनकी अनुमति के उनकी निजी तस्वीरें शेयर की जा रही हैं। 16 महीने के अध्ययन में यह बातें सामने आई हैं।