अमेरिकी संसद में चीनी सेना के वैज्ञानिकों पर रोक का बिल पेश, जासूसी करने का था आरोप
अमेरिका ने चीनी सैन्य वैज्ञानिकों पर रोक वाले बिल को दोनों सदनों में पेश कर दिया है। अमेरिकी सासंदो का कहना था कि शोध के नाम पर चीनी वैज्ञानिक यहां जासूसी और तकनीक चुराते हैं।
वाशिंगटन, पीटीआइ। चीन की सैन्य संस्थाओं से जुड़े वैज्ञानिकों को अमेरिका आने से रोकने के लिए अमेरिकी संसद के दोनों सदनों में प्रस्ताव पेश किया गया है। सांसदों का कहना है कि चीन की सरकार अमेरिकी विश्वविद्यालयों में होने वाले शोधों की जासूसी और नई तकनीक चुराने के लिए अपने वैज्ञानिकों को यहां भेजती है, जिसे रोकना बेहद जरूरी है।
उन्हें छात्र या रिसर्च वीजा नहीं देने के लिए कानून बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। इसके तहत अमेरिकी सरकार को चाइनीज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) से संबद्ध वैज्ञानिकों और इंजीनियरिंग संस्थाओं की सूची भी बनानी होगी।
बीते एक दशक में पीएलए ने 2,500 से ज्यादा वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को विदेश में रिसर्च और पढ़ाई के लिए भेजा। कई बार ये वैज्ञानिक चीनी सेना से अपने संबंध को उजागर भी नहीं करते। अमेरिकी संसद के निचले सदन के सदस्य माइक गैलघर ने कहा, 'पीएलए ने माना है कि नई सैन्य तकनीक विकसित करने के लिए वह ऐसा करता है। हम इसे नजर अंदाज नहीं कर सकते। यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक है।'
कई सांसदों ने चीनी वैज्ञानिकों को अमेरिका विश्वविद्यालयों की संवेदनशील जानकारियों तक पहुंचने से रोकने के लिए इस प्रस्ताव को बेहद जरूरी बताया है। उच्च सदन सीनेट में प्रस्ताव पेश करने वाले चक ग्रासले ने कहा, 'विदेशियों को छात्र और रिसर्च वीजा इसलिए दिए जाते हैं ताकि वे हमारे संस्थानों में अपना योगदान दें। हम अपने दुश्मनों को अपनी जासूसी करने के लिए वीजा नहीं दे सकते।'
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