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आतंक के समर्थन की पाकिस्तान की भूमिका पर अमेरिका चिंतित, पेंटागन बोला- नेताओं से लगातार कर रहे बात

पाकिस्तान में आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह उपलब्ध कराने को लेकर अमेरिका बहुत ईमानदार है। वह इस समस्या पर लंबे समय से चिंता जता रहा है और आज भी चिंतित है। वह इस चिंता के विषय में पाकिस्तान के नेताओं के साथ लगातार चर्चा भी कर रहा है।

By TaniskEdited By: Published: Fri, 01 Oct 2021 07:26 PM (IST)Updated: Fri, 01 Oct 2021 07:26 PM (IST)
आतंक के समर्थन की पाकिस्तान की भूमिका पर अमेरिका चिंतित।

वाशिंगटन, प्रेट्र । पाकिस्तान में आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह उपलब्ध कराए जाने के मामले में अमेरिका बहुत ईमानदार है। वह इस समस्या पर लंबे समय से चिंता जता रहा है और आज भी चिंतित है। अमेरिका अपनी इस चिंता के विषय में पाकिस्तान के नेताओं के साथ लगातार चर्चा भी कर रहा है। यह बात अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता जान किर्बी ने प्रेस कान्फ्रेंस में कही है।

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किर्बी ने कहा, कुछ महीने पहले तक अफगानिस्तान सरकार और अमेरिका ने तालिबान के लड़ाकों को पाकिस्तान के समर्थन की लगातार भ‌र्त्सना की। तालिबान को पाकिस्तान में न केवल सुरक्षित पनाह मिलती थी बल्कि नाटो और अफगान बलों के साथ संघर्ष में घायल होने पर वहां उन्हें चिकित्सकीय सुविधा भी मिलती थी।

आतंकवाद को लेकर दुनिया की चिंता को समझे पाकिस्तान

अब जबकि अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता कायम हो गई है तब पड़ोसी के रूप में पाकिस्तान की जिम्मेदारी है कि वह आतंकवाद को लेकर दुनिया की चिंता को समझे और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की अपेक्षाओं को पूरा करे। पेंटागन के प्रवक्ता ने कहा, हम पाकिस्तानी जनता को भी याद दिलाना चाहेंगे कि वह जिस आतंकवाद का समर्थन करती है, बाद में उसका दंश उसे भी झेलना पड़ता है।

क्वाड शिखर सम्मेलन में चीन की आक्रामकता पर हुई चर्चा

क्वाड (क्वाड्रिलेट्रल सिक्युरिटी डायलाग) देशों के शिखर सम्मेलन में हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता और बलपूर्वक कब्जे की प्रवृत्ति पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। यह जानकारी पेंटागन के प्रवक्ता जान किर्बी ने दी है। 24 सितंबर को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की मेजबानी में वाशिंगटन में यह बैठक हुई थी जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काट मारीशन ने भाग लिया था। किर्बी ने कहा, क्वाड ने अन्य बहुत से बिंदुओं पर चर्चा की। इसलिए यह नहीं समझना चाहिए कि क्वाड का गठन चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए हुआ है।


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