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US-Iran Tension: अमेरिका ने फ़ारस की खाड़ी में उड़ने वाले विमानों को दी चेतावनी

ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने फ़ारस की खाड़ी में उड़ान भरने वाले विमानों को चेतावनी जारी की है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 02:01 PM (IST)Updated: Sat, 18 May 2019 02:01 PM (IST)
US-Iran Tension: अमेरिका ने फ़ारस की खाड़ी में उड़ने वाले विमानों को दी चेतावनी
US-Iran Tension: अमेरिका ने फ़ारस की खाड़ी में उड़ने वाले विमानों को दी चेतावनी

वाशिंगटन, एपी। अमेरिका और ईरान के बीच तनाव अपने चरम पर है। ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने फ़ारस की खाड़ी में उड़ान भरने वाले विमानों को चेतावनी जारी की है। अमेरिकी राजनयिकों ने शनिवार को कहा कि दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव के कारण फ़ारस की खाड़ी में उड़ान भरने वाले विमानों को खतरा पैदा हो सकता है। 

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अमेरिकी राजनयिकों ने कहा है कि फ़ारस की खाड़ी में पैदा तनाव के दौरान वहां से उड़ने वाले विमानों को दुश्मन का जहाज समझने की गलतफहमी भी हो सकती है। अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने वैश्विक हवाई यात्रा के लिए मौजूदा तनाव के जोखिमों को रेखांकित किया है।

इससे पहले ईरान से बढ़ते तनाव के बीच ट्रंप प्रशासन ने अपने गैर-आपातकालीन अधिकारियों को बगदाद छोड़ने के निर्देश दिए। अमेरिकी विदेश विभाग ने बगदाद में अमेरिकी दूतावास और एर्बिल में वाणिज्‍य दूतावास के अधिकारियों को स्‍वदेश वापस लौटने को कहा था।

इस बीच सऊदी अरब के तेल टैंकरों पर हुए हमले ने भी मौजूदा तनाव को और बढ़ा दिया। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की जल सीमा में चार तेल टैंकरों पर हुए हमले के बाद तेल के दाम बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है। सऊदी अरब ने सीधे तौर पर इस हमले के लिए ईरान को दोषी ठहराया है। वहीं, यमन में ईरान-गठबंधन के विद्रोहियों ने सऊदी तेल पाइपलाइन पर ड्रोन हमले की जिम्मेदारी ली।

बता दें कि अमेरिका ने पहले ही आगाह किया था कि ईरान क्षेत्र में समुद्री यातायात को निशाना बना सकता है। होरमुज जलडमरूमध्य एक अहम रास्ता है जो मध्य पूर्व के तेल उत्पादक देशों को एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका और उससे भी आगे के बाजारों से जोड़ता है। यह जलमार्ग ईरान और ओमान को अलग करता है। साथ ही खाड़ी के देशों को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है। इस जलडमरूमध्य की चौड़ाई सबसे कम जहां है, वहां 33 किलोमीटर है लेकिन जहाजों के गुजरने का रास्ता दोनों दिशाओं में महज तीन किलोमीटर है।

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