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US-China: ताइवान की राष्ट्रपति की संभावित अमेरिका यात्रा पर चीन को बाइडेन प्रशासन का जवाब, कहा- ज्यादा न सोचें

US-China Relations ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन अमेरिका की यात्रा कर सकती है जिसे लेकर अमेरिका ने चीन से कहा है कि ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन की यात्रा को लेकर वह ज्यादा न सोचें। Photo- AP

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Tue, 21 Mar 2023 05:20 PM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2023 05:20 PM (IST)
US-China: ताइवान की राष्ट्रपति की संभावित अमेरिका यात्रा पर चीन को बाइडेन प्रशासन का जवाब, कहा- ज्यादा न सोचें
ताइवान की राष्ट्रपति की संभावित अमेरिका यात्रा पर चीन को बाइडेन प्रशासन का जवाब।

वाशिंगटन, एपी। इन दिनों अमेरिका और चीन के बीच संबंधों में गिरावट आई है, क्योंकि ताइवान मुद्दे पर अमेरिका हमेशा से चीन को सावधान करता रहा है। इसी बीच, ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन अमेरिका की यात्रा कर सकती है, जिसे लेकर अमेरिका ने चीन से कहा है कि ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन की यात्रा को लेकर वह ज्यादा न सोचें।

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ताइवान की राष्ट्रपति की संभावित अमेरिका यात्रा

बाइडेन प्रशासन ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए, ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन की अमेरिका यात्रा एक अपेक्षित अनौपचारिक मिसाल के अनुरूप होगा। उन्होंने चीन से कहा है कि ताइवान पर आक्रामक गतिविधि बढ़ाने को लेकर इस यात्रा को बीजिंग द्वारा किसी नए बहाने के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

बता दें कि वाशिंगटन और बीजिंग में वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने अपने चीनी समकक्षों को बताया है कि ताइवानी राष्ट्रपति की अमेरिका यात्रा हाल के वर्षों की तरह नियमित रही है।

छह बार अमेरिका की यात्रा कर चुकी हैं त्साई

हाल के कुछ वर्षों में, ताइवान की राष्ट्रपति त्साई ने अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों और ताइवान के डायस्पोरा के साथ मुलाकात की है। जानकारी के मुताबिक, 2016 और 2019 के बीच छह बार त्साई ने अमेरिका की यात्रा की है और यह उनकी सांतवीं अमेरिकी यात्रा होगी। मालूम हो कि इन यात्राओं पर प्रतिक्रिया के रूप में, चीन ने अमेरिका और ताइवान के खिलाफ खूब बयानबाजी की है।

पिछले साल ताइवान गई थी पेलोसी

बता दें कि अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ने पिछले साल अगस्त में ताइवान की यात्रा की थी, जिसके बाद बीजिंग ने ताइवान पर मिसाइलें दागीं। इसके साथ ही ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा पर युद्धपोतों को तैनात किया और ताइवान के निकट सैन्य अभ्यास किया। वहीं, बीजिंग ने अमेरिका के साथ जलवायु वार्ता को भी स्थगित कर दिया और पेंटागन के साथ सैन्य-से-सैन्य संचार को प्रतिबंधित कर दिया।

बता दें कि चीन हमेशा से ताइवान को अपना हिस्सा मानते आया है और इसपर शासन करने के लिए प्रयास कर रहा है। इस कदम से अमेरिका को तकलीफ है और अमेरिका इसका समर्थन नहीं करता है। मालूम हो कि 1997 में अमेरिकी स्पीकर न्यूट गिंगरिच के बाद, पेलोसी ताइवान की यात्रा करने वाली सर्वोच्च रैंकिंग वाली अमेरिकी अधिकारी थीं।


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