अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस ने भारतीय सैनिकों की मौत पर जताया शोक, चीन के लिए कूटनीतिक संदेश
दुनिया कोरोनावायरस के साथ लड़ाई में जुटी हुई है और सभी अपनी जीवन बचाने में व्यस्त हैं तो ऐसा लगता है कि चीन इस हालात का फायदा उठाने के तौर पर देख रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चीन ने जिस तरह से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का अतिक्रमण किया है, उसको लेकर भारत ने वैश्विक बिरादरी का समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, मालदीव जैसे देशों ने जिस तरह से चीन के साथ हुए हिंसक झड़प में मारे गए भारतीय सैनिकों के प्रति अपनी शोक संवेदना जताई है, उसे कूटनीतिक सर्किल में अहम माना जा रहा है। दुनिया के कई देशों मे भारतीय मिशन गलवन के हालात के बारे में दूसरे देशों को वस्तुस्थिति से अवगत करा रहे हैं।
डोकलाम विवाद के दौरान भी जापान, अमेरिका समेत कुछ दूसरे देशों ने भारत का समर्थन किया था। अमेरिकी विदेश मंत्रालय में उप सचिव (ईस्ट एशियन व पैसिफिक अफेयर्स) डेविड स्टिलवेल से जब भारत-चीन झड़प के बार में पूछा गया तो उनका जवाब था कि, ऐसा लगता है कि जब दुनिया कोरोनावायरस के साथ लड़ाई में जुटी हुई है और सभी अपनी जीवन बचाने में व्यस्त हैं तो ऐसा लगता है कि चीन इस हालात का फायदा उठाने के तौर पर देख रहा है।
हम भारत-चीन के बीच सीमा पर चल रहे विवाद पर करीबी नजर रखे हुए हैं। यह पूर्व की घटनाओं की तरह ही है। खास तौर पर जब राष्ट्रपति शी शिनफिंग ने पहली बार वर्ष 2015 में भारत की यात्रा की थी तब चीन की सेना ने विवादित हिस्से में बेहद अंदर तक घुसपैठ की थी। डोकलाम में भी ऐसा ही हुआ था। इस बयान के कुछ ही घंटे बाद अमेरिका के विदेश मंत्री माइकल पोम्पिओ ने एक ट्विट किया कि, हम भारत की जनता के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हैं जो चीन के साथ हुए झगड़े में मारे गये भारतीयों को लेकर दुखी हैं।
हम इन मृतक सैनिकों के परिवारों, उनके चाहने वालों को याद रखेंगे। इसके कुछ ही देर बाद फ्रांस के नई दिल्ली स्थित राजदूत एमानुएल लेनैन ने भी कुछ इसी तरह का उदगार प्रकट किया। उन्होंने भी ट्विट किया कि, पिछले कुछ दिनों के भीतर अपने कर्तव्य का निर्वहण करते हुए जिन भारतीय सैनिकों ने अपनी जान दी है हम उनके परिवार के प्रति और भारत की जनता के प्रति Oदय की गहराइय़ों से संवेदना प्रकट करते हैं। जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने भी लिखा कि, गलवन में मारे गये सैनिकों के परिवार के प्रति हमारी संवेदना। भारत के पड़ोसी देशों में सिर्फ मालदीव की तरफ से इस तरह का बयान आया है।
मालदीव के विदेश मंत्री अबदुल्ला शाहिद ने लिखा है कि हाल ही में सीमा पर हुई झड़प में मारे गये भारतीय सैनिकों के परिवारों व भारतीय जनता के प्रति हमारी गहरी संवेदना। याद रहे कि कोरोना को लेकर चीन कई देरूों को निरूाने पर है। चीन की हरकत के पीछे में इसे ही कारण माना जा रहा है। चीन जहां भारत के पड़ोसी नेपाल और पाकिस्तान को भारत के खिलाफ उकसा रहा है वहीं अंतराराष्ट्रीूय महाशक्तियों की संवेदना भारत के साथ है।