तालिबान की जीत पर आतंकी संगठनों का जश्न, दुनियाभर से आईं अल-कायदा और अन्य संगठनों की हैरान करने वाली प्रतिक्रियाएं
अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद आतंकी संगठनों की बांछें खिल गई हैं। दुनियाभर से अल-कायदा और उससे जुड़े आतंकी संगठनों ने अफगानिस्तान में तालिबान की जीत की सराहना की है। पढ़ें यह रिपार्ट...
नई दिल्ली, एजेंसियां। अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद आतंकी संगठनों की बांछें खिल गई हैं। दुनियाभर से अल-कायदा और उससे जुड़े आतंकी संगठनों ने अफगानिस्तान में तालिबान की जीत की सराहना की है। आतंकी संगठन ने अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्सों पर तालिबान के नियंत्रण की तुलना शुरुआती मुस्लिम विजय से की है। यही नहीं अल-कायदा की यमन शाखा ने भी तालिबान की जीत पर उसे बधाई दी है। दुनियाभर में आतंकी संगठन जिस तरह तालिबान की जीत का जश्न मना रहे हैं वह एक बड़े खतरे की ओर संकेत करता है।
सीरिया में भी बुलंद करेंगे झंडा
समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक सीरिया में अल-कायदा से जुड़ा आतंकी संगठन हयात तहरीर अल-शाम (Hayat Tahrir al-Sham) ने उम्मीद जताई कि तालिबान की जीत से सबक लेकर सीरिया में भी उसका झंडा बुलंद होगा। बता दें कि आतंकी संगठन हयात तहरीर अल-शाम को एचटीएस के नाम से भी जाना जाता है। यह उत्तर पश्चिमी सीरिया के विद्रोहियों के कब्जे वाले हिस्सों में एक शक्तिशाली आतंकी गुट है। इस आतंकी संगठन ने कहा है कि चाहे कितना भी समय लगे सीरिया में उनकी जीत होगी।
अल-कायदा बोला- जारी रहेगी उसकी लड़ाई
इस बीच अल-कायदा (Al-Qaeda) की यमन शाखा ने अफगानिस्तान में जीत पर तालिबान को बधाई दी है और अपना सैन्य अभियान जारी रखने की कसम खाई है। गौर करने वाली बात यह है कि तमाम आतंकी संगठनों की ओर से ये प्रतिक्रियाएं ऐसे वक्त में आई हैं जब अल-कायदा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाने की जद्दोजहद कर रहा है और बार-बार दुनिया के सामने वादे कर रहा है कि वह अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में नहीं होने देगा।
रोल मॉडल बना तालिबान
यहां बता दें कि यह वही तालिबान है जिसने साल 1996 से 2001 तक अपने शासन के दौरान अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन को पनाह दी थी। समाचार एजेंसी रायटर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मौजूदा वक्त में तालिबान दुनियाभर में आतंकी संगठनों के बीच एक रोल मॉडल बनकर उभरा है। अरब प्रायद्वीप में सक्रिय अल कायदा ने बयान जारी कर कहा है कि तालिबान की यह जीत बताती है कि जिहाद किस तरह शरीयत-आधारित अधिकारों को बहाल करने का प्रतिनिधित्व करता है।
विशेषज्ञों ने जताई चिंता
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक दुनियाभर से आ रही आतंकी संगठनों की ये प्रतिक्रियाएं बेहद खतरनाक संकेत दे रही हैं। विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि तालिबान के अफगानिस्तान पर काबिज होने के साथ ही यह मुल्क एकबार फिर आतंकवाद की प्रजनन स्थली बन सकता है। सनद रहे कि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी दुनिया का ध्यान इस ओर आकर्षित करा चुके हैं। उन्होंने गुरुवार को कहा था कि मौजूदा वक्त में अल-कायदा और उनके सहयोगी संगठनों से खतरा दुनिया के बाकी हिस्सों में बढ़ गया है।