एसिडिटी की दवाओं से डिमेंशिया का खतरा नहीं
यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन, सिएटल के वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया कि इन दवाओं से बुजुर्गों में डिमेंशिया का खतरा नहीं बढ़ता।
अमेरिका (आइएएनएस)। एसिडिटी या पेट के अल्सर को ठीक करने वाली दवाओं से अल्जाइमर या डिमेंशिया (याददाश्त का कमजोर होना) का खतरा नहीं होता। पुराने शोधों में पाया गया था कि एसिडिटी के इलाज में प्रयोग की जानेदवाओं जैसे नेक्जियम, प्रिलोसेक और प्रिवासिड से पेट के कैंसर और किडनी से जुड़े रोगों का खतरा दोगुना तक बढ़ जाता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन, सिएटल के वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया कि इन दवाओं से बुजुर्गों में डिमेंशिया का खतरा नहीं बढ़ता। अमेरिकन गेरियाट्रिक्स सोसायटी जर्नल में प्रकाशित इस शोध के लिए 65 और इससे अधिक उम्र के 3,484 बुजुर्गों को शामिल किया गया था। साढ़े सात साल तक चले इस अध्ययन में पाया गया कि केवल 24 प्रतिशत प्रतिभागी ही आगे चलकर डिमेंशिया से ग्रसित हुए।
यह भी पढ़ें : चिंता से बचाए रख सकती है दिमागी सक्रियता