एंटीबाडी के असर को प्रभावित करते हैं तनाव और अकेलापन, एक नए अध्ययन से चला पता
विज्ञानियों का मानना है कि संक्रमण से बचाने में सबसे अधिक उपयोगी टीके हैं लेकिन उनकी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि हर्ड इम्यूनिटी प्राप्त करने के लिए कितनी बड़ी आबादी का टीकाकरण किया गया है
वाशिंगटन, एएनआइ। एक नए अध्ययन से पता चला है कि तनाव, अकेलापन और कमजोरी से ना केवल शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है बल्कि विशिष्ट तरीके की एंटीबाडी का उत्पादन भी प्रभावित होता है। यह अध्ययन 'पर्सपक्टिव ऑन साइकोलॉजिकल' जर्नल में प्रकाशित हुआ है। शोध में कहा गया है कि व्यायाम और पूरी नींद जैसे सरल उपायों से इन नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
कोरोना संक्रमण से बचाने में सबसे अधिक उपयोगी हैं टीके
विज्ञानियों का मानना है कि संक्रमण से बचाने में सबसे अधिक उपयोगी टीके हैं, लेकिन उनकी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि हर्ड इम्यूनिटी प्राप्त करने के लिए कितनी बड़ी आबादी का टीकाकरण किया गया है। अध्ययन में कहा गया है कि भले ही अमेरिका में टीका लगाए जाने के बाद प्रतिरक्षा प्रणाली के और मजबूत होने की खबरें आ रही हैं, लेकिन हर किसी को इसका पूरा लाभ तुरंत नहीं मिलेगा।
शोध के मुताबिक पर्यावरणीय कारक, व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्थिति शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकते हैं और ऐसे में वैक्सीन से मिलने वाला लाभ काफी कम हो सकता है।
भावनात्मक तनाव एक व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को कर सकता है प्रभावित
नया अध्ययन दुनियाभर के शासकों को परेशान कर सकता है, क्योंकि कोरोना का कहर अभी भी दुनियाभर में जारी है और आइसोलेशन और भविष्य के बारे में अनिश्चितता के चलते लोग तनाव में जी रहे हैं। ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी से ताल्लुक रखने शोधकर्ता और अध्ययन के प्रमुख लेखक एनिलीज मेडिसन ने कहा, 'भावनात्मक तनाव एक व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित कर सकता है, जिससे उसकी संक्रमण से लड़ने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।' उन्होंने कहा कि हमारा नया अध्ययन ना केवल वैक्सीन के प्रभाव पर प्रकाश डालता है बल्कि यह भी बताता है कि कैसे भावनात्मक तनाव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बदल सकते हैं।