'अमेरिका फर्स्ट' भारतीयों के लिए बना मुसीबत का सबब, 60 हजार लोग होंगे बेरोजगार
एच-1बी वीजाधारकों के जीवन साथी का वर्क परमिट खत्म करने का प्रभाव।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के 'अमेरिका फर्स्ट' नीति की तरफ बढ़ने से करीब 60,000 भारतीय वहां बेरोजगार हो जाएंगे। इनमें 80 फीसद महिलाएं हैं। ट्रंप प्रशासन ने एच-4 वीजाधारकों का वर्क परमिट खत्म करने का फैसला किया है। एच-1बी वीजाधारकों के जीवन साथी को एच-4 वीजा दिया जाता है। एच-4 वीजाधारकों में बड़ी संख्या में भारतीय पेशेवर हैं जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं।
पूर्व के बराक ओबामा शासन ने एच-1बी वीजाधारकों के जीवन साथी को एच-4 वीजा के तहत अमेरिका में रोजगार करने, धन अर्जित करने और कर अदा करने की अनुमति दी थी। अमेरिका के अप्रवासी सेवा के प्रमुख फ्रांसिस सिसना ने मंगलवार को सांसदों को एच-4 वीजा के तहत वर्क परमिट खत्म करने की जानकारी दी। ट्रंप प्रशासन का यह फैसला रोजगार तलाश करने वाले भारतीय युवाओं के लिए एक बड़ा झटका है। वह भी यह ऐसे समय में जब भारत में बेरोजगारी बढ़ रही है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनोमी (सीएमआइई) के मुताबिक, देश में बेरोजगारी दर जुलाई 2017 के 3.39 फीसद के मुकाबले अप्रैल में दोगुनी हो सकती है।
अमेरिकी सांसदों का विरोध
प्रभावशाली अमेरिकी सांसदों और आइटी उद्योग ने एच-4 वीजाधारकों का वर्क परमिट खत्म करने की ट्रंप प्रशासन की प्रस्तावित योजना का विरोध किया है। कैलिफोर्निया के शीर्ष 15 सांसदों ने इस संबंध में गृह सुरक्षा मंत्री कस्र्टेन एम. नीलसन को पत्र लिखा है। उन्होंने ओबामा वर्क परमिट खत्म करने के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की।
उन्होंने कहा कि मौजूदा नियम से हजारों एच-1बी वीजाधारकों और उनके परिवारों को दोहरी आय होती है। बहुत उद्यमियों ने दोहरी आय की बदौलत कारोबार शुरू किए जिसमें अमेरिकी नागरिकों को रोजगार मिला और हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला। बिना वर्क परमिट के एच-1बी वीजाधारकों के जीवन साथी वैध रूप से काम नहीं कर पाएंगे और परिवार और समुदाय को वित्तीय रूप से योगदान नहीं दे पाएंगे। पांच मार्च को लिखे इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में सांसद अन्ना ईशू, राजा कृष्णमूर्ति और अन्य शामिल हैं।
अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर
इस बीच सिलिकॉन वैली स्थित एफडब्ल्यूडीडॉटयूएस ने कहा कि इस नियम को खत्म करना और हजारों लोगों को अमेरिकी कार्यबल से निकालना उनके परिवारों और हमारी अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी होगा। एफडब्ल्यूडीडॉटयूएस ने फेसबुक, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों की स्थापना की है। उसने कहा कि यह नीति महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे जीवन साथी को स्थायी निवास मिले बिना व्यक्ति को रोजगार मिल जाता है। जबकि स्थायी निवास देना करीब दशक पीछे चल रहा है।
भारतीय दूतावास भी सक्रिय
एच-4 वीजाधारकों का वर्क परमिट खत्म करने से बड़ी संख्या उच्च योग्यता वाले भारतीय प्रभावित होंगे। इसलिए अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास इस मामले को लेकर अमेरिकी सांसदों और ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों के साथ संपर्क में है।
आइटी कंपनियों की एच-1बी वीजा मंजूरी 43 फीसद कम हुई
भारत की सात शीर्ष आइटी कंपनियों की एच-1बी वीजा मंजूरी में 2015 और 2017 के बीच 43 फीसद की गिरावट हुई है। अमेरिकी थिंक टैंक द नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2017 में भारतीय कंपनियों मिला 8,468 नया एच-1बी वीजा 16 करोड़ अमेरिकी श्रम बल का केवल 0.006 फीसद है। इसमें वित्त वर्ष 2015 के बाद से 43 फीसद गिरावट आई है। तब 14,792 एच-1बी वीजा दिए गए थे।