Move to Jagran APP

अमेरिका की जीएसपी व्‍यवस्‍था में भारत की हो सकती है वापसी, 44 अमेरिकी सांसदों ने की अपील

44 अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप प्रशासन से अपील की है कि वे भारत को फिर से जीएसपी (Generalized System of Preferences GSP) व्यापार कार्यक्रम में शामिल करें।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 12:26 PM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 01:22 PM (IST)
अमेरिका की जीएसपी व्‍यवस्‍था में भारत की हो सकती है वापसी, 44 अमेरिकी सांसदों ने की अपील
अमेरिका की जीएसपी व्‍यवस्‍था में भारत की हो सकती है वापसी, 44 अमेरिकी सांसदों ने की अपील

वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका के साथ कारोबार करने में भारत को और ज्‍यादा प्राथमिकता मिल सकती है। अमेरिका के 44 सांसदों ने ट्रंप प्रशासन से कहा है कि वे भारत को फिर से जीएसपी (Generalized System of Preferences, GSP) व्यापार कार्यक्रम में शामिल करें ताकि दोनों देशों के बीच व्यापारिक समझौते में आसानी हो। इससे पहले भारत को जीएसपी के तहत अमेरिका के साथ कारोबार में विशेष लाभार्थी का दर्जा हासिल था। अमेरिका ने इस साल जून में भारत को GSP व्‍यवस्‍था से बाहर कर दिया था।

loksabha election banner

बता दें कि अमेरिका के जीएसपी कार्यक्रम में एंट्री पाने वाले देशों को व्‍यापार में विशेष सहूलियत दी जाती है। किसी देश के जीएसपी व्‍यवस्‍था में शामिल होने के बाद अमेरिका उससे एक तय राशि के आयात पर कोई शुल्क नहीं लगाता है। सांसद जिम हाइम्स (Jim Himes) और रॉन एस्टेस (Ron Estes) की तरफ से अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर (US Trade Representative Robert Lighthizer) को लिखे पत्र में कुल 26 डेमोक्रेट्स और 18 रिपब्लिकन सासंदों ने दस्‍तखत किए हैं।

कोलिशन फॉर जीएसपी (Coalition for GSP) के कार्यकारी निदेशक डैन एंथनी ने कहा कि भारत से जीएसपी दर्जा छीने जाने के बाद से अमेरिकी कंपनियां नौकरियों और आमदनी के नुकसान के बारे में बता रही हैं। उन्‍होंने कहा कि भारत से यह दर्जा छिनने के बाद भी भारतीय निर्यातकों के हालात अच्‍छे हैं जबकि अमेरिकी कंपनियों को नए टैरिफ के तौर पर नुकसान उठाना पड़ रहा है।

सांसदों ने कहा है कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए हमें अपने उद्योगों के लिए बाजारों की उपलब्धता सुनिश्चित करानी होगी। कुछ छोटे मसलों के कारण इस पर असर नहीं पड़ना चाहिए। बता दें कि साल 2017 में भारत जीएसपी कार्यक्रम का सबसे बड़ा लाभार्थी देश था। उसको अमेरिका में 5.7 अरब डॉलर के आयात पर शुल्क में छूट मिली थी। भारत से इस दर्जे को निलंबित किए जाने के बाद से अमेरिकी कंपनियों को हर दिन 10 लाख डॉलर नए टैरिफ के तौर पर चुकाने पड़ रहे हैं। जुलाई में ही अमेरिकी कंपनियों को 3 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ।   


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.