छह बार हो चुका है धरती का सामूहिक विनाश, वैज्ञानिकों ने फिर जताई आशंका
आज से 260 मिलियन यानी लगभग 26 करोड़ साल पहले धरती को सामूहिक विनाश झेलना पड़ा था। पूरी पृथ्वी जीव-जंतुओं से विहीन हो गई थी।
न्यूयॉर्क, प्रेट्र। आज से 260 मिलियन यानी लगभग 26 करोड़ साल पहले धरती को सामूहिक विनाश झेलना पड़ा था। इस दौरान पूरी पृथ्वी जीव-जंतुओं से विहीन हो गई थी और इसी के साथ ही भूगर्भिक और वाह्य कारणों से धरती में सामूहिक विनाश की घटनाएं बढ़कर छह हो गई हैं। एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है।
पर्यावरणीय उथल-पुथल है प्रमुख कारण
अमेरिका में न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मिशेल रेम्पिनो ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि सामूहिक विनाश के कारणों की जांच के बाद हम यह जानते हैं कि अब तक कितनी बार पृथ्वी में सामूहिक विनाश की घटनाएं हो चुकी हैं। रैम्पिनो ने कहा कि पूर्व में हुए अध्ययनों से पता चलता है कि सामूहिक विनाश की सभी घटनाएं पर्यावरणीय उथल-पुथल के कारण हुई थीं। इस दौरान बड़े पैमाने पर बाढ़ और ज्वालामुखी विस्फोट की घटनाएं हुई। इससे लाखों किलोमीटर तक धरती में लावा फैल गया था, जिसके कारण पृथ्वी जीव-जंतुओं से विहीन हो गई थी।
छठी बार हो चुका है सामूहिक विनाश
इससे पहले वैज्ञानिकों का अनुमान था कि धरती में अब तक पांच बार सामूहिक विनाश की घटनाएं हुई। इसके कारण बड़ी संख्या में कई जीवों की प्रजातियां खत्म हो गई। भूवैज्ञानिक ने सामूहिक विनाश की इन अवधियों को ऑर्डोविशियन (44.3 करोड़ साल पहले ), लेट डेवोनियन (37 करोड़ वर्ष पहले), पर्मियन (25.2 करोड़ वर्ष पहले), ट्रायसिक (20.1 करोड़ वर्ष पहले) और क्रेटेशियस (6.6 करोड़ वर्ष पहले) में बांटा है।
सातवीं बार हो सकता है विनाश
शोधकर्ताओं ने कहा कि आज भी कई जीवों की प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं और धरती का ताप भी लगातार बढ़ रहा है। यदि यह प्रक्रिया जारी रही रहती है तो हो सकता है कि जल्द ही हमें सातवें सामूहिक विनाश का साक्षी बनना पड़े। वैज्ञानिकों को इसकी आशंका इसलिए भी है क्योंकि पूर्व में ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं जो इस बात की ओर इशारा करती हैं कि धरती में फिर उथल-पुथल हो सकती है।
विस्फोट के कारण हुआ चट्टानों का निर्माण
यह अध्ययन हिस्टोरिकल बायोलॉजी में प्रकाशित हुआ है, जो गुआडालुपियन या मध्य पर्मियन काल पर केंद्रित है। इसकी अवधि 27.2 करोड़ से लेकर 26 करोड़ वर्ष पहले तक मानी जाती है। शोधकर्ताओं ने मध्य पर्मियन काल में हुआ घटनाओं का अध्ययन कर यह दावा किया है आज से 26 करोड़ साल पहले सामूहिक विनाश की घटना हुई थी। इस दौरान सबसे ज्यादा धरती और महासागर प्रभावित हुए थे। खास तौर पर आज जिसे दक्षिणी चीन सागर के रूप में जाना जाता है वहां ज्वालामुखी विस्फोट के कारण कई चट्टानों का निर्माण हुआ।
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