दुनिया का अनोखा कारनामाः ब्रिटेन के युवक ने एक पहिए की साइकिल से घूम ली दुनिया
एक पहिए की साइकिल के साथ तीन साल में पूरी दुनिया का चक्कर लगा लिया। उन्होंने इस दौरान चैरिटी के लिए ढाई करोड़ से ज्यादा का दान भी जुटाया है।
वॉशिंगटन(एजेंसी)। पूरी दुनिया में घूमना हर किसी का सपना होता है, लेकिन जब सफर साइकिल से करना हो तो सोचकर ही पसीने छूट जाते हैं। पर यह कारनामा कर दिखाया है ब्रिटेन के 21 वर्षीय किशोर ने, जिसने एक पहिए की साइकिल के साथ तीन साल में पूरी दुनिया का चक्कर लगा लिया। उन्होंने इस दौरान चैरिटी के लिए ढाई करोड़ से ज्यादा का दान भी जुटाया है।
वे विश्व के पहले व्यक्ति बन गए हैं, जिन्होंने यह यात्रा बिना किसी समर्थन पूरी की। मार्च 2015 में एड प्रैट ने 19 वर्ष की उम्र में टाउटन स्थित समरसेट से अपनी 21 हजार मील की यात्रा एक पहिए की साइकिल के साथ शुरू की थी। उन्होंने अपने साथ जरूरत के सामान के तौर पर 36 इंच की निंबस ओरेकल यूनिसाइकिल से जुड़े पैनियर में एक तंबू, सो बैगिंग, स्टोव, कुछ खाने का सामान रखा था। उन्होंने यह यात्रा बिना किसी सहायता व समर्थन के पूरी की। एड ने इस सफर के फोटो सोशल साइट्स पर भी पोस्ट किए हैं। इसमें कई देशों के खास स्थानों पर फोटो लिए गए हैं, जिनमें एड प्रैट नजर आ रहे हैं। इन देशों में गए प्रैट अपनी साइकिल से दक्षिण एशिया और यूरोप 20 से ज्यादा देशो में गए थे।
वे चीन, सिंगापुर, योरप के तुर्की, जॉर्जिया, अजरबैजान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और फिर अमेरिका पहुंचे। न्यूयॉर्क से एडनबर्ग गए और फिर अपनी यात्रा का समापन समरसेट में किया। वे डेढ़ दर्जन देशों के करीब 45 से ज्यादा शहरों से होकर गुजरे थे।
चैरिटी के लिए जुटाए ढाई करोड़ से ज्यादा रुपए
एड प्रैट ने इतनी कम उम्र में बहुत बड़ी दान राशि जुटाने का कारनामा भी किया। उन्होंने दुनियाभर में घूमकर 2 करोड़ 69 लाख 81 हजार से ज्यादा राशि जुटाई है। यह राशि गरीब बच्चों की पढ़ाई, इलाज और उनके बेहतर भविष्य के लिए उपयोग की जाएगी।
बीच में ही छोड़ना पड़ी पढ़ाई
एड के माता-पिता निक और नैक्सन ने बताया कि बेटे ने बहुत ही नेक काम किया है। इसके लिए एड को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ना पड़ी। चैरिटी और स्कूल के अध्यक्ष लक सीमोन ने बताया कि एड प्रैड का एक मेल आया था, जिसमें उन्होंने चैरिटी के लिए दुनिया के सफर पर निकलने की योजना का जिक्र किया। हमने एड के माता-पिता से संपर्क किया। इसके बाद सारी दस्तावेजी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इस सफर की शुरुआत समरसेट से की गई।