इस्लामपुर के डांगापारा में पुल नहीं बनने पर चुनाव बहिष्कार की धमकी
जागरण संवाददाता उत्तर दिनाजपुर इस्लामपुर ब्लॉक की माटीगुंडा-एक और दो ग्राम पंचायतों का महत्वपू
जागरण संवाददाता, उत्तर दिनाजपुर : इस्लामपुर ब्लॉक की माटीगुंडा-एक और दो ग्राम पंचायतों का महत्वपूर्ण संयोग स्थान डागापाड़ा में दोलंचा नदी कंक्रीट पुल बनाने की माग विधानसभा चुनाव में जोर शोर से उठ रही है । पुल नहीं बनने पर ग्रामीणों का एक तबका वोट बहिष्कार करने की चेतावनी दे रहे हैं। उस इलाके में दर्जनों गाव के लगभग 50,000 से अधिक लोगों का रहन-सहन है और लगभग 10000 लोग दोलंचा नदी पर बास के पुल पर से आना-जाना करते हैं। स्थानीय लोग नदी को बास के पुल से पार करते हैं और इस्लामपुर शहर के संपर्क में रहते हैं। इसके कारण निवासियों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए वे लगभग दो दशकों से डागा पारा में एक पक्के पुल के निर्माण की माग कर रहे हैं। लेकिन उनकी माग आज भी पूरी नहीं हुई है। विभिन्न विभिन्न जगहों पर प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों से कंक्रीट पूल बनाने की माग करने के बावजूद अब तक इलाके के लोगों की माग पूरी नहीं हुई है। लोगों की शिकायतें हैं कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण पुल का निर्माण नहीं हो रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि विधानसभा चुनाव में आम लोगों के इस गुस्से को विरोधी पार्टी भुनाने की कोशिश करेंगे। लोग मोटरसाइकिल और साइकिल आदि से अपनी जान जोखिम में डालकर बास का पुल को पार करने पर मजबूर हैं। किसानों को अपनी उपज शहर में लाने में कठिनाई होती है। बरसात के दौरान जल स्तर बढ़ जाता है और पुल के टूटने की संभावना होती है। यह पुल बन जाने पर साधारण लोगों को इस्लामपुर शहर आने जाने में फायदा होगा और मरीज जल्दी अस्पताल पहुंच सकेंगे। जहीदुल इस राम नाम के स्थानीय निवासी ने कहा कि हर बार चुनाव के समय सभी दल के नेता और जनप्रतिनिधि पुल बनाने का आश्वासन देता है यहा तक की इलाके में निरीक्षण और मिट्टी टेस्ट आदि भी करने का ढोंग करते हैं मगर चुनाव खत्म होने के बाद कोई देखने नहीं आता है। इसलिए इस बार लोगों ने निर्णय लिया है कि इस बार पुल नहीं तो वोट नहीं इस विधानसभा क्षेत्र से कोई भी आदमी खड़ा हो मगर वह लोग पूल नहीं बनने तक वोट नहीं देने वाले है। पूल नहीं बनने पर वोट बहिष्कार करने की चेतावनी लोगों ने दी है। डागापाड़ा जूनियर हाईस्कूल के कक्षा 6 की छात्री ओहेदा खातुन ने बताया कि उनके जैसे सैकड़ों बच्चों को विभिन्न स्कूलों में पठन-पाठन करने के लिए इस अस्थाई बास के पुल से ही आना-जाना करना पड़ता है बरसात के दिन में पानी रहने के कारण आवागमन पूरी तरह से बंद हो जाता है और उन लोगों का पठन-पाठन भी बंद हो जाती है जिससे पढ़ाई का काफी नुकसान होता है । इतना ही नहीं आम दिनों पर भी बच्चों को इन फूलों से गुजरने में डर लगता है ऐसी बात छात्र-छात्राएं एवं बच्चों ने कही है। स्थानीय निवासी सुभाष चंद्र सिन्हा और शेर अली जैसे कई ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि देश की आजादी के बाद से यहा पुल बनाने की माग की जा रही है मगर स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासन के लोग इलाका का मुआयना कर सोयल टेस्ट आदि करने के बावजूद पुल निर्माण नहीं कर रहे हैं इस बार भी विधानसभा निर्वाचन में यह मुद्दा वह लोग जोर शोर से नेताओं के सामने उठाएंगे। तृणमूल काग्रेस के नेता और उत्तर दिनाजपुर जिला परिषद के सदस्य हरे सुंदर सिंह ने माना कि उस इलाके के हजारों हजार लोग वंचित हैं उनकी माग जायज है। वहा पुल बने इसलिए वह अपने स्तर से प्रयास करने के साथ-साथ जिला परिषद से लेकर उत्तरबंग विकास परिषद इत्यादि किसी भी फंड से वहा पुल बनाने की प्रयास जरूर कर रहे हैं।
भाजपा के इस्लामपुर टाउन मंडल अध्यक्ष संदीप भट्टाचार्य ने तृणमूल काग्रेस, वाममोर्चा एवं काग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि इतने दिनों तक इन सभी की बारी बारी सरकार रही है मगर उस इलाके के लोगों की समस्याओं को इन लोगों ने नहीं समझा और लोगों को विकास से वंचित रखा गया है। इसलिए उस इलाके के लोगों केवोट बहिष्कार करने का बात आ ही सकती है लेकिन वह जनता से अनुरोध करेंगे कि वोट बहिष्कार समस्या का हल नहीं है बहिष्कार उन पाíटयों का करें जो विकास से उन लोगों को दूर रखे हैं।