हाई कोर्ट के दिशानिर्देश का पालन करते भगवान भास्कर को दिया अर्घ्य
कैचवर्ड आस्था -छठघाटों पर नहीं हुई आतिशबाजी कोविड 19 के दिशानिर्दश का पूजा कमेटियो
कैचवर्ड: आस्था
-छठघाटों पर नहीं हुई आतिशबाजी, कोविड 19 के दिशानिर्दश का पूजा कमेटियों ने रखा विशेष ध्यान
-घर के आंगन में कृत्रिम तालाब बनाकर व्रतियों ने किया छठ
जेएनएन, उत्तर दिनाजपुर/रायगंज/कालियागंज/दिनहाटा/माथाभांगा:उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए रायगंज में छठ पर्व मनाया गया। रायगंज नगरपालिका और पंचायत समिति के पहल से कुलिक नदी के किनारे श्रद्धालुओं ने सहूलियत के साथ पूजा अर्चना की। इस अवसर पर नपा अध्यक्ष संदीप विश्वास , पंचायत समिति उप सभापति मानस घोष समेत स्वास्थ्य, विद्युत, आपात नियंत्रक आदि विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थें। उपस्थित जन समुदाय त्योहार के उमंग में शारीरिक दूरी का भले ही पूरा ख्याल न रख पाए हों लेकिन कोविड स्वास्थ्य विधि का पालन जरूर कर रहे थे। पटाखे आदि का प्रयोग बिल्कुल नहीं हुआ और न ही डी जे बजाया गया। लोगों की संख्या सीमित होते हुए भी श्रद्धा और उत्साह में कोई कमी नहीं देखी गई। जिला पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार एवं आई सी सूरज थापा बारीकी से निगरानी रखते देखे गए। संदीप विश्वास ने कहा कि छठ पूजा को लेकर किसी को कोई असुविधा न हो इसके लिए नपा प्रशासन पूरी मुस्तैदी से प्रस्तुत थे। साथ ही कोविड के शर्तो और उच्च न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन न हो इसका भी ध्यान रखा गया।
वहीं दूसरी ओर उत्तर बंगाल के अन्य जिला की तरह उत्तर दिनाजपुर में भी कोरोना काल में भी उगते सूर्य को अर्घ्य देकर चार दिवसीय सूर्य उपासना का महापर्व छठ पर्व का समापन आज हो गया। कोरोना काल में सभी स्वास्थ्य नियमों का पालन करते हुए इस्लामपुर , कर्णदिघी , रायगंज , चोपड़ा , सोनापुर , दासपाड़ा , रायगंज , कानकी , पाजीपाड़ा , ग्वालपोखर , चाकुलिया, हेमताबाद , इटाहार , कालियागंज के शहरी और ग्रामीण इलाकों के विभिन्न घाटों में श्रद्धापुर्वक छठ का पर्व मनाया गया। हालाकिं कोरोना की वजह से अधिकाश लोगों ने अपने घरों में रहकर कृत्रिम जलाशय बनाकर उसमें पूजा की। वहीं हर साल की तरह इस साल जिले के विभिन्न घाटों में भीड़ समान्य थी।
इससे पहले गत शुक्रवार की दोपहर शहर के विभिन्न नदियों और तालाबों में छठ वíतयों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। आज सुबह भी उगते सूर्य को अर्घ्य दिया गया हालाकिं इस बार कोरोना की वजह से कई लोग घरों में कृत्रिम घाट बनाकर पूजा कर रहे हैं। कोई घरों में तो कोई मैदानों में घाट बनाकर पूजा करते देखे गए। वहीं, इस्लामपुर के पुराना स्टेशन प्राचीन दुर्गा मंदिर मैदान में बनाई गई कृत्रिम घाट आकर्षण का केंद्र बनी थी इसके बावजूद कोरोना होने के कारण भी समान थी।
कोरोना महामारी के बीच देश के विभिन्न हिस्सों की तरह ही कालियागंज में लोक आस्था का महापर्व छठ श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। शुक्रवार को भक्तों ने अस्ताचल सूर्य को तथा शनिवार सुबह उदयाचल भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर प्रणाम किया। इसके साथ ही चार दिवसीय छठ पूजा शातिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई।नदी तालाबों के घाटों में छठ व्रतियों की अपार भीड़ देखी गई, घाटों को फूलों एवं केला के गाछ से सजाया संवारा गया। शनिवार तड़के छठव्रती ठेलो एवं सिर पर पूजा सामग्री लेकर घाट पर पहुंचे,कई श्रद्धालु दंडवत करते गाजा-बाजा के साथ घाटों पर पहुंचे।शहर के चारों और छठ पूजा के पारंपरिक गीत से इलाका गुंजायमान रहा। सूर्य को अर्घ्य देकर छठव्रती प्रसाद वितरण करते अपने घर की ओर लौटे।
दूसरी ओर छठ पूजा घाट पर डूबने से होने वाली घटना को रोकने के लिए कालियागंज नपा प्रशासक काíतक पाल ने एक गतिमान नाव के साथ प्रशिक्षित गोताखोर की व्यवस्था की। कारण कि इससे पूर्व सालों में छठ के क्रम में नदी में डूबने की कई घटना घटी है,उक्त घटना से निपटने के लिए नपा द्वारा एतियात कदम उठाए गए। छठ के पहले दिन से जिला प्रशासन के आपदा प्रबंधन विभाग के गोताखोरों के साथ स्पीड बोट स्थानीय श्रीमती नदी में उतारा जो फेरा लगाती दिखाई दी। इसके अलावा शुक्रवार को नपा द्वारा सभी सड़कों एवं घाटों की साफ-सफाई कर कोरोना काल के संक्रमण को रोकने के लिए स्प्रे कराया गया। वहीं नपा प्रशासक ने छठ पूजा समितियों को व्यक्तिगत रुप से वित्तीय सहायता भी प्रदान की,कारण की कोरोना काल को लेकर कई लोगों की आíथक स्थिति अच्छी नहीं है,जिसको लेकर वह अपने घाटों की सजावट आदि कर धूमधाम से छठ पर्व मना सकें।वहीं कई छठ व्रतियों ने कोरोना काल को देखते हुए अपने अपने घरों में ही छठ पूजा सतर्कता के साथ मनाई। वही छठ पूजा घाटों पर कालियागंज नपा प्रशासक काíतक पाल,कालियागंज विधायक तपन देव सिंह,जिला परिषद के कॉमेंटर असीम कुमार घोष,नेता कमल घोष,ईश्वर रजक समेत कई राजनीतिक दलों के नेता दौरा करते देखे गए।
कैप्शन : 1.कालियांगज में कृत्रिम तालाब में अर्घ्य देती छठव्रती 2 . डाला सिर पर उठाए घर को लौटते उपासक