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महिला पुरोहित ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ करवाया विवाह

कैचवर्ड महिला सशक्तिकरण -मोहर कुंज भवन में वर-वधू का करवाया पाणिग्रहण संस्कार -वधू

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Feb 2021 07:04 PM (IST)Updated: Tue, 02 Feb 2021 07:04 PM (IST)
महिला पुरोहित ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ करवाया विवाह
महिला पुरोहित ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ करवाया विवाह

कैचवर्ड: महिला सशक्तिकरण

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-मोहर कुंज भवन में वर-वधू का करवाया पाणिग्रहण संस्कार

-वधू रायगंज स्टेशन में सेवारत रेल अधिकारी ऋतुपणा वहीं वर राजा दे पशु चिकित्सक है

-विवाह ब्राह्मण पुरोहित से न करवाकर नम: शुद्र कन्या सुलता मंडल से करवाया

-सुलता संस्कृत में पोस्ट ग्रेजुवेट है

संजीव झा, रायगंज:महिला पुरोहित ने शास्त्रीय विधान और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विवाह कार्य सम्पन्न कराकर ब्राह्मण वाद और पुरुष तंत्रीय समाज को एक नया दिशा दिखाया है। परंपरा के इस नवीन रूप का सभी ने सराहा और स्वागत किया। उल्लेखनीय है कि रायगंज के नपा इलाके स्थित मोहर कुंज भवन में वर वधू की शादी के अवसर पर एक रोचक रिवाज का दर्शन हुआ। रायगंज के वीरनगर की रहने वाली और पेशे से रायगंज स्टेशन में सेवारत रेल अधिकारी ऋतुपर्ना राय की शादी बाकुड़ा निवासी और पेशे से हेमतावाद में सेवारत मवेशी चिकित्सक राजा दे की शादी सोमवार को सम्पन्न हुई। इस विवाह की खासियत यह थी कि ब्राह्मण पुरोहित के स्थान पर नम:शुद्र कन्या सुलता मंडल विवाह कर्म करायी।

कौन है सुलता मंडल :दक्षिण दिनाजपुर जिला के गंगारामपुर की रहनेवाली सुलता संस्कृत में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद हावड़ा में पौरोहित्य शिक्षा और प्रशिक्षण अर्जन की। 2019 में मालदा कॉलेज में सरस्वती पूजा कराकर उसने पुरोहित जीवन की अध्याय शुरू की इसके बाद काली पूजा, दुर्गा पूजा, आदि में अपनी दक्षता जाहिर करने लगी। लेकिन ब्राह्मण वादी परंपरा को तोड़कर महिला से शादी की रीति को पूरा कराने की हिम्मत किसी ने नहीं दिखाई, जिसके चलते उसे यह मौका प्राप्त नहीं हो पा रहा था। जब ऋतुपर्ना को इसका पता चला तो उसने महिला पुरोहित से शादी करने की ठान ली। शुरू में कई प्रकार की आशका और अड़चने खड़ी हुई लेकिन वर पक्ष एवं कन्या के माता-पिता शिप्रा राय और कृष्णा राय की रजामंदी से यह कार्य सम्पन्न हुआ। ऋतुपर्ना ने बताया कि जब घर से लेकर देश चलाने में महिला किसी से कम नहीं है तो जन्म देनेवाली और पाल पोषकर बड़ी करने वाली महिला के अवतरण को सासारिक जीवन में प्रवेश कराने में महिला पुरोहित का अवदान उत्कृष्ट ही होगा। इस नई रिवाज ने महिलाओं को गौरवान्वित किया है और एक नया पथ प्रदर्शन किया है। महिला पुरोहित सुलता ने कहा कि इस सम्मान को पाकर फक्र महसूस हो रहा है। उसे किसी परंपरा से कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है बल्कि नारी को हर क्षेत्र में दक्ष साबित कर समाज को जातीय व रूढि़गत परंपरा से बाहर निकालते हुए एक नया आयाम देना है। कैप्शन :महिला पुरोहित सुलता मंडल पाणिग्रहण संस्कार करवाती हुई


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