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खुद को क्वारेंटाइन के लिए अस्पताल या घर के बजाय होटल में ठहरे प्रोफेसर साहब

-मिश्र के इजिप्ट में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय स्तरीय सेमिनार में भाग लेने के लिए विदेश यात्रा पर गए

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Mar 2020 07:55 PM (IST)Updated: Fri, 20 Mar 2020 07:55 PM (IST)
खुद को क्वारेंटाइन के लिए अस्पताल या घर के बजाय होटल में ठहरे प्रोफेसर साहब
खुद को क्वारेंटाइन के लिए अस्पताल या घर के बजाय होटल में ठहरे प्रोफेसर साहब

-मिश्र के इजिप्ट में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय स्तरीय सेमिनार में भाग लेने के लिए विदेश यात्रा पर गए एसीसटेंट प्रोफेसर डॉ. पृथ्वीराज झा

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-जांच प्रक्रिया से खुद को दूर रखने पर लोगों में आक्रोश

-रायगंज में विदेश से पांच लोग आएं, लेकिन किसी ने नहीं करवाया अभी तक जांच

संवाद सूत्र,रायगंज: कोरोना वायरस का आतंक इस समय सिर चढ़कर बोल रहा है। साधारण और अशिक्षित लोगों में इसको लेकर भय तो समझ में आता है, लेकिन पढ़े-लिखे लोग जब इसके भय से एहतियातन से भागता फिरे तो वाकई ताज्जुब होती है। सूत्रों के अनुसार रायगंज के वीरनगर का निवासी और रायगंज सुरेंद्र नाथ कॉलेज के एसीसटेंट प्रोफेसर डॉ. पृथ्वीराज झा 23 फरवरी को मिश्र के इजिप्ट में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय स्तरीय सेमिनार में भाग लेने के लिए विदेश यात्रा पर गए थे। विगत मंगलवार को वे दुबई होते हुए रायगंज पहुँचे, लेकिन वे अपने घर ना जाकर एन बी एस टी सी बस डिपो के पास विराज होटल में ठहरे। इसका कारण यह था कि वे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए विदेश से आने वाले लोगों के लिए एहतियातन सरकार द्वारा निर्देशित जाँच की प्रक्त्रियाओं से खुद को दूर रखना। हालाकि उनका तर्क है कि खुद को आइसोलेट करने के लिए होटल के कमरे में रहने का निर्णय लिया, लेकिन जब उन्हें इलाके में आम लोगों के बीच सामान्य रूप से देखा गया तो, उनका तर्क स्वत: कमजोर दिखने लगा। जब इसको लेकर शोरगुल शुरू हुआ तो, वे वहाँ से निकलकर कहीं गुप्त वास में चले गए। एक उच्च शिक्षित व्यक्ति की यह हरकत लोगों के समझ से बाहर है. फि़लहाल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उनकी तलाश कर रही है।

वहीं दूसरी ओर रायगंज के वकील पाड़ा निवासी और नामी व्यवसाय का पुत्र लंदन से घर वापस आया लेकिन जांच की प्रक्रिया से भागकर प्रशासन के साथ आँख मिचोली खेल रहा है। उसके परिवार वालों का कहना है कि उसे घर में ही आइसोलेट करके रखा गया है, जबकि उसे पिता के शोरूम में हाथ बंटाते और शहर में घूमते देखा गया। जब इसकी जानकारी प्रशासन को मिली तो वह अज्ञात वास पर चला गया। सूत्रों के अनुसार रायगंज शहर में इस तरह के पाँच लोग विदेश से आए लेकिन उनमें से एक भी अस्पताल में जाँच दल के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुए, जो काफी चिंता का विषय है। इनमें से किसी को कोरोना वायरस का प्रकोप ना हो, तो गनीमत है वर्ना संक्रमण की स्थिति में रायगंज जैसे बचाव के कम संसाधन वाले क्षेत्रों में शामत निश्चित है। इसका एहसास इन लोगों को जितनी जल्दी हो जाए, इसी में सबकी भलाई है। डिप्टी सी एम ओ एच डॉ अनूप हाजरा ने बताया कि कोरोना वायरस के प्रकोप से लड़ना सामूहिक दायित्व है।यदि इसमें कोई आनाकानी करते हैं तो इसे सामाजिक और वैधानिक अपराध माना जाएगा। किसी की लापरवाही के चलते किसी और की जिंदगी के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जा सकता है। कैप्शन : अध्यापक डॉ पृथ्वीराज झा की फाइल फोटो


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