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राम मंदिर पर अध्यादेश की जरुरत नहीं : अठावले -हिंदुओं व मुसलमानों के बीच बातचीत से सुलझाय
राम मंदिर पर अध्यादेश की जरुरत नहीं : अठावले -हिंदुओं व मुसलमानों के बीच बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए मुद्दा
-अदालत के फैसले का इंतजार किया जाना चाहिए
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जागरण संवाददाता, कोलकाता : केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा हिंदुओं और मुसलमानों के बीच बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए। इसे लेकर अध्यादेश की कोई जरुरत नहीं है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है। अठावले सोमवार को प्रेस क्लब में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा-'हम सभी हिंदू समुदाय के लोगों की भावनाओं और विचार को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। वे राम मंदिर का निर्माण करना चाहते हैं लेकिन मुस्लिम समुदाय से चर्चा के बाद ही कोई निर्णय लिया जाना चाहिए। हम सभी को तब तक इंतजार करना चाहिए जब तक कि सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला नहीं सुना दे। तब तक मुझे लगता है कि मंदिर बनाने के लिए किसी को भी कानून अपने हाथों में नहीं लेना चाहिए।' उल्लेखनीय है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) विवादित स्थान पर भूमि अधिग्रहण करने के लिए अध्यादेश की माग कर रहे हैं। इसी बीच केंद्रीय मंत्री ने इस मुद्दे पर किसी अध्यादेश की जरूरत नहीं बताई। अठावले ने कहा-'मुझे नहीं लगता कि अध्यादेश लाने की कोई जरूरत है। वर्तमान सरकार 'सबका साथ सबका विकास' में विश्वास करती है। किसी एक विशेष समुदाय में विश्वास नहीं करती। सरकार पर दबाव डालने का कोई प्रयास नहीं होना चाहिए और हमें अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए।' उन्होंने असम में पाच बांग्लाभाषी लोगों की हत्या की निंदा की और कहा कि राज्य सरकार अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
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