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चोरी-पॉकेटीमारी के आरोप में 13 नाबालिग भेजे गए सरकारी होम

संवाद सूत्ररायगंज बंजारों के लिए बच्चों को साथ लाना मुसीबतों का सबब बन गया। पुलिस ने चोरी पॉके

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 07:11 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 07:11 PM (IST)
चोरी-पॉकेटीमारी के आरोप में 13 नाबालिग भेजे गए सरकारी होम
चोरी-पॉकेटीमारी के आरोप में 13 नाबालिग भेजे गए सरकारी होम

संवाद सूत्र,रायगंज :बंजारों के लिए बच्चों को साथ लाना मुसीबतों का सबब बन गया। पुलिस ने चोरी, पॉकेटमारी आदि के आरोप में 13 नाबालिगों को पकड़कर सरकारी होम भेज दिया। इसके चलते इनका वापस जाना मुश्किल हो गया है। ये लोग प्रत्येक वर्ष मधु संग्रह करने के लिए आते हैं ,जो इनके आय का प्रमुख स्त्रोत है। उल्लेखनीय है कि बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले यायावरों के 25 परिवारों की एक टोली एक माह से उत्तर दिनाजपुर जिला के रायगंज थाना क्षेत्र के कमला बाड़ी इलाके में तंबू लगाकर रह रहे हैं। इनका मुख्य धंधा गाव-गाव घूमकर मधु संग्रह करना और उसे बेचना है। इनके बच्चे इलाके के घरों में जाकर चावल आटा आदि मागकर लाते हैं जिससे इनका पेट भरता है। विगत कई वर्षो से इनका यह कार्य कलाप चलता आ रहा है। एक जगह से दूसरे जगह फिर कहीं और का सिलसिला चलता रहता है। इस बार इनका सफर मुसीबतों से भरा रहा। एक तो करोना का कहर और दूसरा लगातार हुए बारिशों का असर ,इसके बाद पुलिस का चक्कर इनके लिए जी का जंजाल बन गया। हुआ यह कि विगत कुछ दिनों से रायगंज शहर एवं संलग्न इलाके में चोरी, पॉकेटमारी आदि घटनाओं में वृद्धि होने लगी तो इलाकेवासियों ने यह तोहमत इन यायावरी बच्चों के ऊपर थोप दिया। शिकायत मिलते ही रायगंज थाना पुलिस छह नाबालिका समेत 13 किशोरों को पकड़कर कर्ण जोड़ा ,रायगंज स्थित सरकारी होम में रख आया। इसके चलते इनका वापस जाना अधर में लटक गया। यायावरों का मुखिया नरेश कुरैदी ने बताया कि मेरे बच्चे पर लगाए गए इल्जाम बिल्कुल गलत है। वोट डालने के लिए घर जाना चाहते हैं लेकिन पुलिस उनके बच्चों को बेवजह पकड़कर अरंगा खड़ा कर दी है।

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जिला शिशु कल्याण समिति के चेयरमैन असीम राय ने बताया कि रायगंज थाना पुलिस जिन बच्चों को यहां भेजे हैं, वे बिल्कुल ठीक हैं। इनके खाने-पीने व पहनावे का ख्याल रखा जा रहा है। इस संदर्भ में बिहार सरकार से रिपोर्ट मागा गया है, सब कुछ सही रहने पर इन बच्चों को उनके घरों तक छोड़ दिया जाएगा। उनके माता-पिता या परिवार के लोग घर जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं।

कैप्शन : खुले आसमां के नीचे बैठे बंजारों का परिवार


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