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पुरुलिया सुई कांड के आरोपितों को फांसी की सजा

पुरुलिया सुई कांड मामले में मंगलवार को जिला अदालत ने आरोपितों को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही जुर्माने के तौर पर 50-50 हजार रुपये अर्थ दंड की भी सजा दी गई है। अर्थ दंड नहीं चुकाने पर दोनों आरोपितों को एक-एक साल अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। सरकारी अधिवक्ता अनवर अली ने पत्रकारों को बताया कि मामले में 37 गवाहों एवं सबूत के आधार पर न्यायाधीश रमेश प्रधान ने फैसला सुनाया है। बता दें वर्ष 2017 में तीन साल की मासूम को उसकी मां मंगला गोस्वामी ने अपने कथित प्रेमी सेवानिवृत्त होमगार्ड जवान सनातन गोस्वामी के साथ मिलकर सुई से छेदकर और दोनों हाथ तोड़कर हत्या कर दी थी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 08:43 PM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 08:43 PM (IST)
पुरुलिया सुई कांड के आरोपितों को फांसी की सजा

जागरण संवाददाता, पुरुलिया : पुरुलिया सुई कांड मामले में मंगलवार को जिला अदालत ने आरोपितों को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही जुर्माने के तौर पर 50-50 हजार रुपये अर्थ दंड की भी सजा दी गई है। अर्थ दंड नहीं चुकाने पर दोनों आरोपितों को एक-एक साल अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। सरकारी अधिवक्ता अनवर अली ने पत्रकारों को बताया कि मामले में 37 गवाहों एवं सबूत के आधार पर न्यायाधीश रमेश प्रधान ने फैसला सुनाया है। बता दें, वर्ष 2017 में तीन साल की मासूम को उसकी मां मंगला गोस्वामी ने अपने कथित प्रेमी सेवानिवृत्त होमगार्ड जवान सनातन गोस्वामी के साथ मिलकर सुई से छेदकर और दोनों हाथ तोड़कर हत्या कर दी थी।

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मुफस्सिल थाना अंतर्गत नदीयाड़ा गांव की मंगला गोस्वामी तबीयत खराब होने पर अपनी साढ़े तीन साल की बच्ची को 11 जुलाई 2017 को पुरुलिया सदर अस्पताल लाई थी। मासूम के शरीर में जख्म के निशान देखकर शंका होने पर चिकित्सकों ने उसका एक्स-रे कराया। पता चला कि बच्ची के शरीर में बड़ी-बड़ी सात सुई फंसी हैं। यहीं नहीं उसके दोनों हाथ भी टूटे हुए थे। शंका होने पर अस्पताल प्रशासन ने चाइल्ड लाइन और जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड से संपर्क किया। इसके बाद 13 जुलाई 2017 को चाइल्ड लाइन व जुवेनाइन जस्टिस बोर्ड के सदस्यों ने नदीयाड़ा गांव में जाकर मामले की जांच की। पता चला कि 30 वर्षीय मंगला गोस्वामी अपने पति को छोड़कर सेवानिवृत्त होमगार्ड जवान सनातन गोस्वामी के साथ रहती है। सनातन की पत्‍‌नी की मौत पहले ही हो चुकी थी। हालांकि उसने पड़ोसियों से मंगला का परिचय कामवाली के रूप में कराया था। जांच के दौरान जब चाइल्ड लाइन के सदस्यों ने मंगला से पड़ताल की थी तो उसने बताया कि सनातन उसकी बच्ची के साथ कुकर्म करता था। इसके बाद सीडब्ल्यूसी ने सनातन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके बाद से सनातन नदीयाड़ा से फरार हो गया। इधर, बच्ची की तबीयत गंभीर होने पर चिकित्सकों ने 15 जुलाई को कोलकाता के एसएसकेएम हास्पिटल में रेफर कर दिया जहां आपरेशन के बाद उसके शरीर से सात सुई निकाली गई, लेकिन 21 जुलाई को उसने दम तोड़ दिया था। उस समय इस घटना ने पूरे प. बंगाल को हिला दिया था। कई लोगों ने इसे बंगाल का काला जादू भी बताया था। इसी बीच 29 जुलाई को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के पिपिड़ थाना क्षेत्र अंतर्गत रेणुकोट के एक मंदिर से पुलिस ने सनातन गोस्वामी को गिरफ्तार किया था। पहली अगस्त को उसे आसनसोल लाया गया। हालांकि उसने खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया था। 12 सितंबर को पुलिस ने सनातन एवं मंगला के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। 26 अक्टूबर को चार्ज गठन किया गया। 17 सितंबर 2021 को पुरुलिया जिला अदालत ने सनातन एवं मंगला को दोषी करार दिया। सरकारी अधिवक्ता ने उस दिन अदालत के पास अपील की थी कि शिशु के लिए सबसे सुरक्षित जगह मां का गोद है, लेकिन अफसोस की बात है नदीयाडा की मासूम के लिए खुद की मांग का गोद असुरक्षित हो गया। मासूम को प्रताड़ित करने में मंगला ने अपने प्रेमी सनातन का भरपूर साथ दिया। जब मासूम की तबीयत बिगड़ी तो पड़ोसियों ने जबरन उसे अस्पताल भेजा था। वहीं दूसरी ओर, मंगला गोस्वामी की मां माधुरी मोहांती का कहना है कि उसकी बेटी को साजिश का शिकार बनाया जा रहा है।


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