तथागत के राजनीति में वापसी पर विजयवर्गीय व दिलीप ने झाड़ा पल्ला, केंद्रीय नेतृत्व के पाले में डाला पासा
मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय की सक्रिय राजनीति में वापसी की इच्छा जताए जाने के बाद बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने पल्ला झाड़ लिया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय की सक्रिय राजनीति में वापसी की इच्छा जताए जाने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने पल्ला झाड़ लिया। दोनों ने गेंद को केंद्रीय नेतृत्व के पाले में डाल दिया है।
बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रॉय ने दो दिन पहले ट्विटर पर लिखा था कि राज्यपाल के पद से मुक्त होने के बाद वह बंगाल में एक बार फिर से सक्रिय राजनीति में वापसी करना चाहते हैं। उन्होंने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के गाय को लेकर दिए गए बयान पर भी कटाक्ष किया था। रॉय ने कहा था कि बंगाल में ‘गाय हमारी माता है’ की संस्कृति नहीं चलेगी। रॉय के इस बयान को लेकर प्रदेश भाजपा में चर्चा तेज हो गई थी। इस संबंध में पूछे जाने पर विजयवर्गीय ने कहा कि तथागत रॉय हमारे वरिष्ठ नेता रहे हैं। चूंकि उनको राज्यपाल बनाने का निर्णय केंद्रीय नेतृत्व ने लिया था, प्रदेश में क्या होगा इस बारे में भी कोई भी निर्णय केंद्रीय नेतृत्व ही लेगा। दूसरी ओर दिलीप घोष ने भी रॉय के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
बंगाल विधानसभा चुनाव में गाय की राजनीति नहीं चलेगी
दूसरी ओर प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि रॉय के बयान से केंद्रीय व प्रदेश भाजपा नेतृत्व खुश नहीं है। कोई नहीं चाहता कि रॉय की बंगाल की सक्रिय राजनीति में वापसी हो। जादवपर विश्वविद्यालय में तथागत रॉय कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग के संस्थापक हेड ऑफ द डिपार्टमेंट रहे हैं। उन्होंने साफ कहा है कि बंगाल विधानसभा चुनाव में गाय की राजनीति नहीं चलेगी। तथागत रॉय ने कहा कि भाजपा के कुछ नेताओं के ऐसे बयानों की वजह से पार्टी की छवि धूमिल हुई है। पार्टी का लोगों ने मजाक उड़ाया है।