पुलिस हिरासत में जुआरी की मौत से रात भर बवाल, फाड़ी को फूंका
-चार पुलिसकर्मी घायल दो पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त -इलाके में पुलिस व रैफ के जवान तैनात -मिल्की फ
-चार पुलिसकर्मी घायल, दो पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त
-इलाके में पुलिस व रैफ के जवान तैनात
-मिल्की फाड़ी पुलिस ने नहीं पीटा आरोपित को : पुलिस अधीक्षक
-फाड़ी में तोड़-फोड़ व आगजनी को लेकर तेज हुई राजनीति
संवाद सूत्र, मालदा : जुआ के ठेके से सात जुआरी को पुलिस हिरासत में जमकर पीटने का मामला सामने आया है, जिसमें एक की मौत हो गई। इसे लेकर रविवार रात से लेकर सोमवार सुबह तक मालदा जिला के इंग्लिश बाजार थाना के मिल्की इलाके में उत्तेजना का माहौल है। मृतक के परिजनों व मिल्की इलाके के लोगों ने मिल्की फाड़ी को आग के हवाले कर दिया। साथ ही पुलिस वैन व पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया। स्थिति को संभालने के लिए जिला के 13 थानों से पुलिस व रैफ के जवानों को तैनात किया गया है।
क्यों, कैसे व कब हुआ फाड़ी पर हमला : कोजागरी लक्खी पूजा पर बंगाली समुदाय जुआ भी खेलते है। इसके लिए जुआ के ठेकों पर काफी भीड़ रहती है। रविवार रात आठ बजे जुआ के ठेके से सात जुआरी को मिल्की फाड़ी पुलिस ने गिरफ्तार किया गया। सूत्रों की माने तक पुलिस हिरासत में सबों की जमकर पिटाई भी हुई। आइनुल को जुआ के ठेके से मारते-मारते ही फाड़ी में लाया गया था। इसके कारण आरोपित जुआरी आइनुल खान (65) की पुलिस हिरासत में मौत हो गयी। पुलिस हिरासत में मौत की सूचना पूरे इलाके में दावानल की तरह फैल गयी। मृतक के परिजनों व गाव वाले पूरे आग बबूला हो गए। रात 12 बजे के करीब गांववाले लामबन्द होकर मिल्की फाड़ी पर हमला बोल दिया। फाड़ी को आग के हवाले कर दिया, सभी जरूरी दस्तावेज जल दिए। पुलिस कर्मी वहां से भाग खड़े हुए। जो मिले उसे भी लोगों के आक्रोश का बली बनना पड़ा। पुलिस अधीक्षक अलोक राजोरिया के अनुसार चार पुलिसकर्मी लोगों के हमले से घायल हो गए। काफी महत्वपूर्ण दस्तावेज व पुलिस फाड़ी की संपत्ति को नष्ट कर दिया गया। दो पुलिस वैन को भी क्षतिग्रस्त किया। इसे देखते हुए जिला के 13 थानों के पुलिस बाल व रैफ के जवानों को इलाके में तैनात किया गया है।
पूर्व मंत्री ने दिया पुलिस प्रशासन को क्लीच चीट :
मिल्की फाड़ी अग्निकांड को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी रोटी सेंकने में जुट गए है। तृणमूल की पूर्व मंत्री सावित्री मित्रा ने बताया कि हम पुलिस प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल नहीं उठायेंगे। पुलिस ने जो किया, नियम में रहकर किया। इस अग्निकांड के पीछे कुछ माफिया व असामाजिक लोग है। पुलिस पूरे मामले की जांच करें।
आगजनी के लिए पुलिस जिम्मेदार :
मिल्की विधानसभा के कांग्रेस विधायक मुताकिन आलम ने बताया कि मेरी संवदेना मृतक के परिवार के साथ है। पुलिस की शासन प्रणाली कैसी है, यह इस हादसे से समझा जा सकता है। पुलिस हिरासत में किसी आरोपित को नहीं पीटा जा सकता। आग किस परिस्थिति में लगाई, यह भी देखना जरूरी है। इसके लिए पुलिस जिम्मेदार है। वहीं भाजपा के राज्य कमेटी के सदस्य मानवेंद्र चक्रवर्ती ने बताया कि आखिर किसी अधिकार से सिविक वोलेंटीयर ने आरोपितों के साथ मारपीट की? पुलिस द्वारा इसकी सही जांच नहीं हो सकती। इसके लिए अलग से एक एजेंसी के माध्यम से इस मामले की जांच होनी चाहिए।
पुलिस लॉक अप में नहीं हुई मौत : जिला पुलिस अधीक्षक अलोक रजोरिया ने बताया कि आरोपित की मौत पुलिस हिरासत में नहीं हुई। वह बीमार था। हम आरोपित को मिल्की अस्पताल इलाज के लिए भी ले गए, जहा उसकी मौत हो गयी। इसके बाद कुछ लोग जमा हो गए और फाड़ी में उत्पात मचाने लगे। हमने तोड़-फोड़, आगजनी व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में 15 लोगों को गिरफ्तार किया है।
कैप्शन : धू-धू कर जलती हुई मिल्की फांड़ी