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काल बैसाखी से उत्तर बंगाल में भारी तबाही, फसलों का हुआ नुकसान

-पुलिस प्रशासन को मिली कुछ पल के लिए राहत -आंधी-तूफान के कारण घर में दुबके रहें लोग

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Apr 2020 07:17 PM (IST)Updated: Thu, 16 Apr 2020 06:22 AM (IST)
काल बैसाखी से उत्तर बंगाल में भारी तबाही, फसलों का हुआ नुकसान
काल बैसाखी से उत्तर बंगाल में भारी तबाही, फसलों का हुआ नुकसान

-पुलिस प्रशासन को मिली कुछ पल के लिए राहत

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-आंधी-तूफान के कारण घर में दुबके रहें लोग

-काल बैसाखी के कारण 70 फीसदी आम बरबाद

-उत्तर दिनाजपुर में नहीं लग पाया हाट-बाजार

-टोटो पर पेड़ के गिरने से टोटो चालक जख्मी

जेएनएन, मालदा/जलपाईगुड़ी/दिनहाटा/दक्षिण दिनाजपुर/वीरपाड़ा/उत्तर दिनाजपुर/कूचबिहार/अलीपुरद्वार/कालियागंज/धुपगुड़ी : पोयला बैसाख की शाम गुजरते ही बुधवार की सुबह आंधी-तूफान से भरी रही। दिन भर आसमान में बादल छाया रहा। सुबह दस बजे अंधकार जैसी स्थिति रही। बिजली-बारिश की बौछार शुरू हो गयी। जो काम पुलिस का डंडा कर नहीं पायी, वह काम प्रकृति ने कर दिया। सुबह करीब नौ बजे से मौसम ने अपना मिजाज बदल लिया। इसके कारण खुले आकाश के नीचे सब्जी बिक्रेता को काफी समस्या हुई। कई सब्जी बिक्रेता विपरीत मौसम के कारण सब्जी दुकान नहीं लगा पाएं।

बारिश के कारण दिनहाटा में पसरा सन्नाटा: बारिश व आंधी के कारण लोग आज घर से बाहर नहीं निकल पाएं। वैसे भी लॉकडाउन के कारण लोग घरों से नहीं निकल पा रहें है। लेकिन सुबह-सुबह आंधी-तूफान के कारण लोग घरों में ही घुसे रहें। पुलिस ने बताया कि प्रकृति ने आज हमारे काम को हल्का कर दिया। हमें कुछ घंटों के लिए राहत मिली। दिनहाटा के चउराहाट, प्रत्युषा बाजार इलाके में रास्ते पर कुछ लोग आए थे। लेकिन अचानक बारिश के कारण सब घर की ओर भाग गए। व्यवसायी गोविंद साहा ने बताया कि बारिश के कारण अंगुली पर गिनती बराबर ही लोग थे।

महकमा व्यवसायी समिति के सचिव राणा गोस्वामी ने बताया कि लॉक डाउन व आज बारिश के कारण लोग आज घर से नहीं निकले। दिनहाटा के एसडीपीओ मानवेंद्र दास ने बताया कि आज बारिश के कारण लोग घरों से नहीं निकले

मालदा में काल बैसाखी से 70 फीसदी आम का उत्पादन प्रभावित: काल बैसाखी के कारण मालदा जिले में आम उत्पादन पर काफी प्रभाव पड़ा। अन्य फसलों के अलाव आम के उत्पादन पर काफी प्रभाव पड़ा है। आम उत्पादकों के कारण आंधी-तूफान के कारण 70 फीसदी आम नष्ट हो गए। आम के पेड़ से टिकोला टूट कर गिर गया। दूसरी ओर लॉक डाउन के कारण आम के पेड़ों पर स्प्रे आदि कीटनाशक दवा का छिड़काव नहीं हुआ, जिसके कारण मंजर खराब हो गए। बतादें कि इस साल मालदा जिले में 31 हजार हेक्टेयर जमीन पर आम की खेती हुआ थे। जिले में 30 से अधिक प्रकार के आमों का उत्पादन किया जाता है, जिसमें लंगड़ा, हिमसागर, गोपल भोग आदि है। मालदा जिले में अधिकांश लोग आम उत्पादन पर निर्भर है। मालदा का आम विश्व विख्यात है। काल बैसाखी के कहर से किसानों को काफी नुकसान हुआ है।

मालदा मैंगो मर्चेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष उज्ज्वल साहा ने बताया कि काल बैसाखी के कारण काफी क्षति हुई है। हम संबंधित विभाग के साथ बात करेंगे। दूसरी ओर जिला बागवानी विभाग के अधिकारी राहुल चक्रवर्ती ने बताया कि मालदा के 40 फीसदी बागान में सिंचाई की उचित व्यवस्था नहीं है। आज की बारिश आम के लिए काफी अच्छी है। लेकिन ओलावृष्टि के कारण आम को चोट पहुंची है। बहुत से आम गिर गए है। काल बैसाखी से हुई क्षति का मूल्यांकन किया जाएगा। दक्षिण दिनाजपुर में पेड़ गिरने से यातायात में परेशानी : बांग्ला नववर्ष के पहले दिन काल बैसाखी से उत्तर बंगाल के अन्य जिलों की तरह दक्षिण दिनाजपुर में भी भारी तबाही मचायी। अचानक बारिश व बिजली के कारण दर्जनों घर में इलेक्ट्रोनिक सामान खराब हो गया। आंधी-तूफान के चारों तरफ अफरातफरी मच गयी। फसलों का भी नुकसान हुआ। एक टोटो पर पेड़ गिरने से काफी नुकसान हुआ। जानकारी मिली है कि तपन से बीमार दो लोगो को लेकर बालुरघाट अस्पताल जा रहा था कि बालुरघाट के सत्संग आश्रम के सामने जोर की आधी में वह फस गया और टोटो ऊपर एक बड़ा पेड़ गिर पड़ा, जिससे टोटो चालक के सिर में काफी चोट लगी। उसे गंभीर हालत में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।

उत्तर दिनाजपुर में लग पाया हाट-बाजार: दूसरी ओर उत्तर दिनजापुर में हाट बाजार नहीं लग पाया।सुबह सात बजे से मौसम ने मिजाज बदल दिया। आंधी-तूफान के कारण लोगों घर से नहीं निकल पाएं। रायगंज , इस्लामपुर, कालियागंज समेत जिले के लगभग सभी इलाकों का यही हाल रहा। कोई बाजार नहीं लग सका। मालूम हो कि लॉक डाउन के कारण सुबह में लोग बाजार करते है। यानी जरूरत की की कोई सामग्री खरीद करने की आम जनता को छूट है।

कालियागंज के ग्रामीण इलाका काल बैसाखी से प्रभावित :

बुधवार सुबह सात बजे के करीबन साल की आई प्रथम कालबैसाखी से कालियागंज प्रखंड इलाका पर काफी प्रतिकूल प्रभाव देखा गया। खासकर ग्रामीण इलाकों में काफी तबाही हुई है।कई फूस आदि के कच्चे मकान उजड़ गए। वहीं कई घरों के छप्पर उड़ गए, वही खेत में लगी कटने के लिए पक्की गेहूं की फसलें एवं मकई फसलों के साथ पेड़ पर लगे आमों का भारी नुकसान हुआ है, काफी मात्रा में छोटे-छोटे आम टूटकर बिखरे पड़े हैं।

जहा एक और कृषक मजदूर कोरोना महामारी से परेशान हैं, वही सुबह कुछ देर के लिए आयी आधी तूफान से उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा, कुल मिलाकर ग्रामीणों का जीना ही मुहाल कर दिया।

वहीं प्रखंड कृषि अधिकारी गोपाल चंद्र बर्मन ने बताया कि उक्त बारिश से बोरा धान एवं जूट की खेती पर काफी अनुकूल असर पड़ेगा, कृषि के लिए यह बारिश लाभदायक सिद्ध होगी।

कैप्शन :

1. मालदा के आम बागान में टिकोला बिनती बालिका

2.बालुरघाट में टोटो पर गिरा हुआ पेड़

3. दिनहाटा में सुबह के समय काले मेघ से भरा आकाश


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