दहेज के लिए लगाई आग, जिंदगी और मौत से जूझते हुए गहवधू की मौत
-दहेज का 50 हजार नहीं देने पर पति ने घर में घुसने नहीं देने का सुनाया था फरमान -पति के इ
-दहेज का 50 हजार नहीं देने पर पति ने घर में घुसने नहीं देने का सुनाया था फरमान
-पति के इस फरमान से तंग आकर पत्नी ने लगाई थी आग
संवाद सूत्र, मालदा : दहेज नहीं देने पर ससुराल की दहलीज पार नहीं करना। यह फरमान रूबी बीबी (20) के शौहर अमानत अली ने सुनाया था। पति के मुख से इस फरमान को सुनकार रूबी ने अपने बदन में आग लगा लिया। पिछले 15 दिनों से जिंदगी और मौत से जूझते हुए गुरुवार को उसने दम तोड़ दिया। मरने से पहले उसने पुलिस को बयान भी दिया। यह घटना मालदा के पुखुरिया थाना के संबंलपुर गांव की है। गौरतलब है कि दो साल पहले रूबी बीबी का पास के गांव डांगापाड़ा के निवासी अमानत अली के साथ विवाह हुआ था। रूबी ने एक बेटे को भी जन्म दिया। इसके बाद भी अमानत अली रूबी पर मायके से 50 हजार रुपया दहेज लेकर आने के लिए दबाव बनाता था। पैसे के लिए उसके साथ मारपीट करता था। गत 18 जून को रूबी पैसे मांगने के पिता के घर गई थी। लेकिन रूबी के पिता की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वह पैसा का जुगार नहीं कर पाए। रूबी ने यह बात अपने पति को बताई। पति ने फोन पर कहा कि यदि पैसा नहीं ला पाई, तो मेरे घर मत आना। रूबी ने पति के इस व्यवहार से तंग आकर पिता के घर में आग लगा ली। परिजनों ने उसे फौरन मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भर्ती करवाया। उसने पुलिस को बयान भी दिया। इसके बाद भी पुलिस ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं की।
रूबी के पिता रोबीउल शेख ने बताया कि मैं पेशे से कृषक हूं। मेरे पास इतना पैसा नहीं कि मैं 50 हजार रुपया दहेज दे पाऊं। इसे लेकर सालसी सभा हुई थी। लेकिन इसका समाधान नहीं हुआ। हम चाहते है कि आरोपी को सजा मिले।
संबंलपुर ग्राम पंचायत के उप प्रधान मुहजार अली ने बताया कि इस समस्या को लेकर सालसी सभा बुलाई गई थी। पुलिस ने इसे लेकर किसी तरह की व्यवस्था नहीं की।
कैप्शन : मृतका का आधार कार्ड