सुप्रीम कोर्ट के राहत के बाद विमल गुरुंग ने लिखा राजनाथ को पत्र
वही कालिम्पोग विधायक सरिता राई ने कहा कि न्यायालय मे विचाराधीन होने के चलते अभी इस मामले पर कुछ भी बोलना उचित नही होगा।
दार्जिलिंग, [जेएनएन] । आज सिलीगुड़ी में होने वाली सर्वदलीय बैठक के पूर्व पहाड़ की सियासत में एक बार फिर नया मोड़ आ गया। सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक लगते ही विमल गुरुंग सक्रिय हो गए। उन्होने बिना समय गंवाए केद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर आदेश की सूचना देते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट के प्रति आभार व्यक्त करते हुए न्याय की जीत बताया।
ज्ञात हो कि सोमवार को गोजमुमो सुप्रीमो को सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम आदेश मे उन्हे अगली सुनवाई तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। बताते चले कि उच्चतम न्यायालय मे गुरुंग की ओर से वरिष्ठ वकीलो की पूरी फौज लगी थी। जिनमे हरीश साल्वे प्रमुख थे। साल्वे के अतिरिक्त बंसुई स्वाराज ,सिद्धेश कोटवाल,श्रेया भटनागर,रघुनाथ सेतुपति तथा आस्था शर्मा मुख्य थी। कोर्ट ने दो सप्ताह मे प्रकरण मे केद्र तथा राज्य से रिपोर्ट तलब की है।
गृह मंत्री को लिखे पत्र मे विमल ने स्वयं तथा रोशन गिरी समेत अन्य मोर्चा नेताओ पर लगे आरोपो को सिरे से खारिज करते हुए इन्हे राज्य सरकार की साजिश का हिस्सा बताया। उन्होने गोरखालैड राज्य की मांग पर चले आंदोलन को पूरी तरह गांधीवादी सिद्धांतो से प्रेरित बताते हुए इस दौरान हुई हिंसा और विस्फोट को कुछ लोगो की साजिश करार दिया।
उल्लेखनीय है कि विस्फोट मामलो की जांच के लिए गृह मंत्रालय पूर्व मे ही एनआईए जांच के आदेश दिए जा चुके है। गुरुंग ने अपने पत्र मे जांच को सुप्रीम कोर्ट की निगरानी मे करवाने की मांग भी की है। उन्होने दावा किया कि निष्पक्ष जांच के बाद सारे मामले साफ हो जाएंगे तथा साजिशकर्ता भी जनता के सामने होगे। गुरुंग ने हथियार बरामदगी,बम विस्फोट तथा शहीद अमिताभ मलिक की हत्या को भी संदेह की नजर से देखते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
घूम मे हुई मोर्चा की केद्रीय समिति बैठक मे अपने व अन्य लोगो के निलंबन को उन्होने खेदजनक कार्रवाई करार दिया। तामांग पर प्रश्न उठाते हुए गुरुंग ने लिखा कि विनय तामांग को पार्टी 1 सितंबर को ही मोर्चा से निष्कासित कर चुकी है ऐसे मे उनके द्वारा लिए गए निर्णय प्रभावी नही है। विमल ने तामांग के खिलाफ पार्टी के नाम का गलत इस्तेमाल करने तथा संविधान उल्लंघन के आरोप मे उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की भी बात कही।
विमल ने गोरखालैड राज्य स्थापना की अपनी मांग को आगे भी जारी रखने की जानकारी दी।
उच्चतम न्यायालय से विमल गुरुंग को सुप्रीम राहत मिलने से पहाड़ पर गुरुंग खेमे के लोगो मे खुशी की लहर है। कालिम्पोग समेत पहाड़ के सभी भागो के मोर्चा नेताओ ने नाम न छापने की शर्त पर इस मामले पर हर्ष व्यक्त करते हुए गुरुंग के वापस लौटने की उम्मीद जताई है। वही दार्जिलिंग के मुख्य बाजार चौक बाजार के आस पास के इलाको तथा कालिम्पोग मे तो उत्साही कार्यकर्ताओ ने खुशी मे आतिशबाजी भी की। पार्टी के युवा मोर्चा नेता तथा पूर्व अध्यक्ष ने सोशल मीडिया के हवाले से सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए इसे सत्य की जीत बताया। बताते चले कि प्रियवर्धन राई को सोमवार को घूम मे हुई बैठक मे पार्टी से निलंबित भी कर दिया गया था।
दार्जिलिंग से विश्र्वस्त सूत्रो ने बताया कि विमल गुरुंग अध्यात्मिक गुरूओ की बात मानते हुए आगामी 24 नवंबर के बाद कभी भी पहाड़ पर लौट सकते है।
इस मामले पर विशेष बातचीत मे दार्जिलिंग विधायक अमर सिंह राई ने बताया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा गुरुंग को दी गई राहत उनके हित मे है। हालांकि न्यायालय का मामला होने के चलते उन्होने और कोई टिप्पणी करने से इन्कार किया।
वही कालिम्पोग विधायक सरिता राई ने कहा कि न्यायालय मे विचाराधीन होने के चलते अभी इस मामले पर कुछ भी बोलना उचित नही होगा। उन्होने आज होने वाली सर्वदलीय बैठक की तैयारियो मे व्यस्त रहने का हवाला देते हुए कोई टिप्पणी करने से परहेज किया।