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West Bengal: कलकत्ता हाई कोर्ट में एक महिला की गुहार, माई लॉर्ड- मैं मां बनना चाहती हूं

कलकत्ता हाई कोर्ट में एक महिला की गुहार माई लॉर्ड मैं मां बनना चाहती हूं

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 09:32 AM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 09:32 AM (IST)
West Bengal: कलकत्ता हाई कोर्ट में एक महिला की गुहार, माई लॉर्ड- मैं मां बनना चाहती हूं
West Bengal: कलकत्ता हाई कोर्ट में एक महिला की गुहार, माई लॉर्ड- मैं मां बनना चाहती हूं

कोलकाता, जागरण संवाददाता। दुनिया में कौन ऐसी औरत होगी, जिसे मां शब्द सुनने की इच्छा नहीं होगी। लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग के चलते मेरे लिए यह संभव नहीं हो पा रहा है। बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में न्यायाधीश राजर्षि भारद्वाज की अदालत में मुर्शिदाबाद की शिक्षिका गार्गी राय ने उक्त बातें कहीं। शिक्षिका की बाते सुनने के बाद, उनकी मां होने की अदम्य इच्छा का सम्मान करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट नौ साल बाद पति व पत्नी को एक साथ रहने का मौका प्रदान किया।

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कलकत्ता हाई कोर्ट ने मुर्शिदाबाद में तैनात शिक्षिका का तबादला कूचबिहार के स्कूल में करने का आदेश सुनाया। गार्गी राय के पति फिलहाल कूचबिहार के एक स्कूल मे शिक्षक हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार मुर्शिदाबाद के बेलडांगा मदरसा स्कूल में 2003 में बतौर शिक्षिका गार्गी राय की नियुक्ति हुई। नौकरी के सात साल बाद 2011 में कूचबिहार के रहनेवाले एक स्कूल शिक्षक के साथ उनकी शादी हुई। उसी साल गार्गी ने राज्य स्कूल शिक्षा विभाग के पास अपने तबादले के लिए आवेदन किया।

कूचबिहार से मुर्शिदाबाद की दूरी लगभग 500 किलोमीटर है। आवेदन में गार्गी ने इसका भी उल्लेख किया। लेकिन उसका तबादला नहीं हुआ। फिलहाल गार्गी के पति अलीपुरद्वार के एक स्कूल में तैनात हैं। ऐसे में दोनों का साथ रहना संभव नहीं था। गार्गी ने बताया कि ऐसे ही शादी के नौ साल गुजर गए और पति के साथ रहने का उन्हें मौका ही नहीं मिला। इस दूरी के चलते उनका संबंध भी बुरी तरह से प्रभावित होने लगा। इधर मां होने की इच्छा के साथ गार्गी राय ने कई स्त्रीरोग विशेषज्ञों से संपर्क किया। सभी ने उन्हें और उनके पति को साथ रहते हुए इलाज कराने की सलाह दी। चिकित्सकों से परामर्श लेने के बाद इस बात का उल्लेख करते हुए उन्होंने फिर तबादले के लिए आवेदन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि लगातार पांच साल से बदली के लिए आवेदन करने के बावजूद स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से बार-बार उनका आवेदन खारिज कर दिया गया। तमाम उलझनों के बीच संतानहीनता और पति से बिगड़ते संबंधों की वजह से वह मानसिक रूप से अवसादग्रस्त भी हो गई। आखिरकार कोई रास्ता नहीं मिलने पर 2019 में उन्होंने अदालत में जाने का फैसला किया।

मामले की सुनवाई के दौरान गार्गी के अधिवक्ता आशीष कुमार चौधरी ने अदालत को बताया कि किसी स्कूल में लगातार पांच साल काम करने के बाद विशेष कारण दिखा तबादले के लिए आवेदन किया जा सकता है। इतना ही नहीं मेडिकल आधार पर भी यह सुविधा मिलती है। हालांकि गार्गी राय के मामले में शिक्षा विभाग की लापरवाही साफ दिखती है।

इसके बाद न्यायाधीश ने गार्गी राय के तबादले के आदेश दिए। आदेश के साथ ही तूफानगंज के ईला देवी ग‌र्ल्स हाईस्कूल में गार्गी की तैनाती के आदेश स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से दे दिए गए हैं। गौरतलब है कि सरस्वती पूजा के अवसर पर मुख्यमंत्री ने बदली के नए नियम की घोषणा की। इसके तहत प्रत्येक शिक्षक व शिक्षिका की तैनाती अब उनके गृह जिले में ही होगी।


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