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West Bengal: बंगाल में अनोखा मैटरिमोनियल, 'वधू के लिए शिक्षक को छोडक़र सुयोग्य वर चाहिए'

अमूमन लोग वर-वधू की तलाश में शिक्षक को खास तरजीह देते हैं। लेकिन बंगाल में आजकल ठीक इसके विपरीत मामला देखने को मिला। एक परिवार ने लडक़ी के लिए मैटरिमोनियल विज्ञापन में विशेष रूप से उल्लेख किया है कि स्कूल शिक्षक को छोडक़र एक सुयोग्य वर चाहिए। जानिए क्‍यों।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 06:47 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 07:48 PM (IST)
West Bengal: बंगाल में अनोखा मैटरिमोनियल, 'वधू के लिए शिक्षक को छोडक़र सुयोग्य वर चाहिए'
शिक्षक नियुक्ति घोटाले के बाद शिक्षक वर की मांग घटी। सांकेतिक तस्‍वीर।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। अमूमन लोग वर-वधू की तलाश में शिक्षक को खास तरजीह देते हैं। लेकिन बंगाल में आजकल ठीक इसके विपरीत मामला देखने को मिल रहा है। एक परिवार ने लडक़ी के लिए मैटरिमोनियल विज्ञापन में विशेष रूप से उल्लेख किया है कि स्कूल शिक्षक को छोडक़र एक सुयोग्य वर चाहिए। दरअसल, यह बंगाल शिक्षक नियुक्ति घोटाला का असर है। शिक्षकों पर लोगों का विश्‍वास काफी कम हो गया है। विज्ञापन देनेवाले परिवार वालों का कहना है कि शिक्षक नियुक्ति घोटाले के बाद वह काफी सतर्क हैं।

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घोटाला का आम लोगों पर असर

बता दें कि राज्य में कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर शिक्षक नियुक्ति घोटाले में सैकड़ों शिक्षकों बर्खास्त कर दिया गया है। हजारों शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक रही है। पूरे मामले की सीबीआइ जांच कर रही है। इस घोटाले का आम लोगों पर भी असर पड़ा है। इसका ताजातरीन उदाहरण उत्तर दिनाजपुर में देखने को मिला है। यहां एक परिवार ने लडक़ी के वर के लिए दैनिक समाचार पत्र में अनोखा विज्ञापन दिया है। इसमें लिखा गया है कि शिक्षक को छोडक़र लडक़ी के लिए सुयोग्य वर चाहिए। कुछ दिन अलीपुरदुआर में ऋण लेने गए प्राथमिक विद्यालय के एक शिक्षक से बैंक अधिकारी ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) पास से संबंधित दस्तावेज मांगे थे।

लोगों ने कहा

जिले के दालखोला के एक अभिभावक रंजन दास ने कहा कि जिस तरह से उच्च न्यायालय ने शिक्षक भर्ती में भ्रष्टाचार पर नकेल कसी है, उससे भ्रष्ट लोगों की नौकरी जाने का खतरा है। ऐसे में लडक़ी का परिवार उसके भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए शिक्षक को छोडक़र वर की तलाश में है। लेकिन इस तरह से विज्ञापन नहीं देना चाहिए। पूर्व शिक्षक मोहम्मद सहिदुल इस्लाम ने कहा कि यह तो उलट पुराण की तरह है। एक समय था जब परिवार अपनी बेटी के लिए शिक्षक की तलाश करते थे। इसके लिए भारी-भरकम दहेज भी देते थे। तृणमूल प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला सचिव गौरांग चौहान ने कहा कि लडक़ी के परिवार ने इस तरह के विज्ञापन देकर शिक्षक समुदाय का अपमान किया है।


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