West Bengal: अपहरण के साये में गुजर गया साल 2019, साल भर में 284 लोगों व 48 किशोरियों का अपहरण
year 2019 वर्ष 2018 सितंबर से लेकर सितंबर 2019 के बीच शहर से कुल 332 लोगों का अपहरण किया गया।
हावड़ा, ओमप्रकाश सिंह। हावड़ा जिले को अपराधमुक्त करने के लिए राज्य द्वारा जिले के पुलिस प्रशासन को जिला ग्रामीण पुलिस व शहर पुलिस दो भागों में बांटा गया था। शहर के घनी आबादी वाले इलाके में एक थाना के बजाय दो थाने बनाये गये। पिछले कुछ सालों में अपराध में कमी आई है। इसके बावजूद हावड़ा शहर को अपराधमुक्त नही बताया जा सका है। हत्या,जानलेवा हमला, घरेलू अपराध,बच्चों की चोरी, रंगदारी वसूली जैसे अपराध होते रहे हैं।
पुलिस के लाख कोशिशों के बावजूद अपराध पर पूर्ण विराम लगा पाना संभव नही हो पाया है। बाते वर्ष में शहर के विभिन्न इलाकों से लोगों व किशोरियों को अपहरण करने की काफी घटनाएं हुई है। इन घटनाओं ने अब पुलिस के क्रियाकलाप और कार्यशैली पर सवाल उठाकर रख दिया है। शहर से रंगदारी वसूली, आपसी रंजिश को लेकर भी शहर में काफी अधिक संख्या में अपहरण किया गया। विगत कुछ सालों में जिस तेजी से प्रमोटिंग व्यवसाय बढ़ा है। उस तेजी से बदमाशों के निशाने पर व्यवसायी रहें हैं। इसके अलावा शहर के विभिन्न इलाकों में लोहे के कारोबार चल रहे हैं। उत्तर हावड़ा के विभिन्न इलाकों में छोटे बड़े कारखाने है। रेलवे के लोहे की नीलामी बेलूर से की जा रही है।
लोहे के कारोबारियों से रंगदारी लेने के लिए इससे पहले भी कई हत्याएं हो चुकी है। हालांकि पुलिस द्वारा अपहरण के ठोस कारणों का जिक्र नही किया गया है। साल भर में शहर से 284 लोगों के अपहरण किया गया। थानों में अपहरण की शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 79 अपहरण कर्ताओं को गिरफ्तार कर कुछ अपहृत लोगों को मुक्त भी कराया है।
वहीं शहर से 48 किशोरियों को भी अगवा किया गया है। यानी वर्ष 2018 सितंबर से लेकर सितंबर 2019 के बीच शहर से कुल 332 लोगों का अपहरण किया गया। हो सकता है कि इससे लोगों में दहशत न फैला हो लेकिन अपहृत लोगों के स्वजनों का चैन सुकून छीन गया।
बताया गया है कि शादी करने अथवा देह धंधा में ले जाने के लिए शहर से 48 किशोरियों का अपहरण किया गया है। इनमें से पुलिस ने 25 किशोरियों को विभिन्न स्थानों से उद्धार कर सात लोगों को गिरफ्तार किया है लेकिन आज भी 23 किशोरियों का पता नही चल सका है। उनके परिजन आज भी अपनी बेटियों के घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं। दहशत के इस माहौल में गुजर गया वर्ष 2019। अब नये वर्ष में लोगों को उम्मीद है कि शहर में अपहरण जैसे अपराध में कमी आयेगी।