West Bengal: भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा हो रही है प्रभावित, बीएसएफ की आधी से ज्यादा कंपनियां चुनाव ड्यूटी पर तैनात
कोलकाता में बीएसएफ के पूर्वी कमान मुख्यालय के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने इसपर चिंता जताते हुए बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश पर उनकी 60 से 65 प्रतिशत कंपनियां इस समय चुनावी ड्यूटी पर हैं जिन्हें चरणबद्ध तरीके से करीब डेढ़ माह पहले ही भेजा जा चुका है। ये सभी कंपनियां अब चुनाव संपन्न होने के बाद ही लौटेंगी।
राजीव कुमार झा, कोलकाता। बंगाल समेत पूर्वोत्तर राज्यों से बांग्लादेश के साथ लगने वाली 4,096 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा सुरक्षा की ²ष्टि से बेहद संवेदनशील है, जिसके जरिए घुसपैठ व तस्करी एक बड़ी समस्या रही है। इन सीमा के बड़े इलाकों में तारबंदी भी नहीं है।
इन सबके बीच हर बार विभिन्न राज्यों में विधानसभा और देश में लोकसभा चुनाव के समय सीमा से बड़ी संख्या में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को हटाकर चुनावी ड्यूटी में भेज दिया जाता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा प्रभावित हो रही है।
इस बार लोकसभा चुनाव की बात करें तो बीएसएफ के पूर्वी कमान के अधीन इस सीमा पर तैनात 602 कंपनियों में से 395 कंपनियों यानी आधे से भी ज्यादा जवानों को बार्डर से हटाकर चुनाव के लिए भेजा जा चुका है। बीएसएफ की एक कंपनी में अधिकारियों समेत जवानों की कुल संख्या करीब 100 होती है। पूर्वी कमान से इतनी बड़ी संख्या में बीएसएफ कंपनियों के जाने का सीधा असर सीमा प्रबंधन पर पड़ रहा है।
कोलकाता में बीएसएफ के पूर्वी कमान मुख्यालय के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने इसपर चिंता जताते हुए बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश पर उनकी 60 से 65 प्रतिशत कंपनियां इस समय चुनावी ड्यूटी पर हैं, जिन्हें चरणबद्ध तरीके से करीब डेढ़ माह पहले ही भेजा जा चुका है।
ये सभी कंपनियां अब चुनाव संपन्न होने के बाद ही लौटेंगी। बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि जब भी देश में कहीं चुनाव होता है और जवानों को बार्डर से हटाकर चुनावी ड्यूटी में भेजा जाता है तो उस समय सीमा पर तस्करी, घुसपैठ सहित अन्य गैरकानूनी गतिविधियां बढ़ जाती है। अपराधी और राष्ट्र विरोधी तत्व इस मौके का फायदा उठाने की ताक में रहते हैं।