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West Bengal Politics: बंगाल में मुख्यमंत्री का चेहरा बांग्ला भाषी नहीं होने के कारण हार गई भाजपा: सब्यसाची दत्ता

बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले कद्दावर नेता सब्यसाची दत्त के तेवर अब कुछ बदल से गए हैं। उन्होंने साफ शब्दों में बंगाल में भाजपा की हार का कारण बताया है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 09 Jun 2021 05:58 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jun 2021 05:58 PM (IST)
West Bengal Politics: बंगाल में मुख्यमंत्री का चेहरा बांग्ला भाषी नहीं होने के कारण हार गई भाजपा: सब्यसाची दत्ता
तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व विधायक के बदले सुर

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले कद्दावर नेता सब्यसाची दत्त के तेवर अब कुछ बदल से गए हैं। उन्होंने साफ शब्दों में बंगाल में भाजपा की हार का कारण बताया है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा का कोई भी बंगाली चेहरा नहीं था। पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह या फिर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा इनमें से कोई भी मुख्यमंत्री नहीं होगा यह तो सभी को पता था।

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उन्होंने आगे कहा कि बंगाल में भाजपा के लिए भाषा एक बड़ी समस्या बन गई। हिंदी भाषी लोगों ने आकर प्रचार किया जिसके चलते जनता उनकी बात समझ नहीं पाई। विधानसभा चुनाव के दौरान बंगाल में लोगों के लिए केंद्रीय भाजपा नेताओं की भाषा ( हिंदी) एक बड़ी समस्या बन गई थी। भाजपा नेताओं के लिए भाषा एक बड़ी समस्या बन गई थी। मुख्यमंत्री पद के लिए कोई बंगाली चेहरा नहीं होने के कारण भाजपा विधानसभा चुनाव हार गई। सब्यसाची दत्त के बयान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि उनकी 'घर वापसी' हो सकती है।

इधर, तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने पार्टी के पूर्व नेताओं की घर वापसी पर अभी कोई फैसला नहीं किया है जो हाल ही में हुए विधान सभा चुनावों से पहले भाजपा में चले गए थे। तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी भाजपा में चले गए तृणमूल के लोगों की वापसी पर फैसला लेंगी।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पार्टी बहुत चुनिंदा नेताओं की वापसी करेगी ताकि 2024 के लोक सभा चुनाव से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं को संदेश दिया जा सके कि बगावत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। तृणमूल के एक नेता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा इस मुद्दे पर शीर्ष नेतृत्व ही अंतिम फैसला ले सकता है। उन्होंने कहा कि इस समय हम कोविड-19 महामारी से जूझ रहे हैं और चक्रवात यास के बाद राहत कार्यों का बंदोबस्त कर रहे हैं।


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