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West Bengal : तृणमूल का चुनाव के मद्देनजर जीएनसीटीडी, विधेयक पर फिलहाल चर्चा टालने का अनुरोध

तृणमूल कांग्रेस के संसदीय दल के नेता डेरेक ने राज्यसभा के सभापति को लिखा पत्र। राज्यसभा में हमारे संसद सदस्य फिलहाल राज्य में चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए कटिबद्ध हैं। वर्तमान परिस्थितियों में उनके लिए संसद के सत्र में भाग लेना संभव नहीं है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 06:50 PM (IST)Updated: Tue, 23 Mar 2021 06:50 PM (IST)
West Bengal : तृणमूल का चुनाव के मद्देनजर जीएनसीटीडी, विधेयक पर फिलहाल चर्चा टालने का अनुरोध
विधेयक पर चर्चा के लिए संसद के हर सदस्य को विचार व्यक्त करने का मौका मिलना चाहिए

 राज्य ब्यूरो, कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखकर बंगाल विधानसभा चुनाव के कारण उच्च सदन में उनकी पार्टी के सदस्यों की गैरहाजिरी के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन)(जीएनसीटीडी) विधेयक पर चर्चा एवं उसे पारित करने में देरी करने का अनुरोध किया है। उन्होंने पत्र में कहा कि मैं राज्यसभा में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के संसदीय दल के नेता के तौर पर तत्काल महत्व के विषय पर आपको (यह पत्र) लिख रहा हूं। उन्होंने कहा कि जैसा कि आप सभी को मालूम है कि चुनाव आयोग ने 26 फरवरी 2021 को बंगाल समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा की थी। बंगाल में पहले चरण का मतदान 27 मार्च को होगा, जो आज से चार दिन बाद है। राज्यसभा में हमारे संसद सदस्य फिलहाल राज्य में चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए कटिबद्ध हैं। वर्तमान परिस्थितियों में उनके लिए संसद के सत्र में भाग लेना संभव नहीं है।

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संसद के हर सदस्य को अपना विचार व्यक्त करने देने का मौका दिया जाना चाहिए

दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021 को सोमवार को लोकसभा ने पारित कर दिया था। अब इस विधेयक को राज्यसभा में भेज दिया गया है और यह मंगलवार को चर्चा के लिए सूचीबद्ध है। ओ ब्रायन ने कहा कि यह बेहद अहम कानून है, जिसका पूरे भारत पर अहम प्रभाव है। जब भी सदन में इस विधेयक पर चर्चा हो तो संसद के हर सदस्य को अपना विचार व्यक्त करने देने का मौका दिया जाना चाहिए। 

विचारशील एवं जवाबदेह शासन, जिसका संसद प्रतीक है, उसकी भावना के विरूद्ध है

सदस्यों को उस मौके से वंचित करना विचारशील एवं जवाबदेह शासन, जिसका संसद प्रतीक है, उसकी भावना के विरूद्ध है। उन्होंने कहा कि मैं आपसे व्यक्तिगत रूप से इस विषय पर गौर करने और तबतक इस विधेयक पर चर्चा एवं उसे स्थगित करने पर विचार करने की अपील करता हूं, जबतक कि सारे सदस्य संसद की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लें।


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