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West Bengal Education : स्कूलों के शिक्षण शुल्क में 20 फीसद कटौती करने का कलकत्ता हाईकोर्ट का निर्देश बहाल

West Bengal Education निर्देश बहाल-हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कोलकाता के स्कूलों के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज। स्कूल शुल्क से संबंधित शिकायतों की जांच को समिति गठित करने के निर्देश पर दिया गया स्थगितादेश।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 06:35 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 06:35 PM (IST)
West Bengal Education : स्कूलों के शिक्षण शुल्क में 20 फीसद कटौती करने का कलकत्ता हाईकोर्ट का निर्देश बहाल
निर्देश बंगाल के सभी गैर-सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए बाध्यकारी था।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल में कलकत्ता उच्च न्यायालय के इसी महीने स्कूलों के शिक्षण शुल्क में 20 फीसद की कटौती करने के निर्देश को बहाल रखा है। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कोलकाता के कुछ स्कूलों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसे आज खारिज कर दिया गया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के स्कूल शुल्क से संबंधित शिकायतों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने के निर्देश पर फिलहाल स्थगितादेश लगा दिया है। 

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फोरम द्वारा दायर जनहित याचिका के जवाब में था आदेश

दरअसल कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गत 13 अक्टूबर को कोरोनोवायरस महामारी के दौरान बंगाल में स्कूलों के शिक्षण शुल्क में 20 फीसद की कटौती करने का निर्देश दिया था जो बंगाल के सभी गैर-सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए बाध्यकारी था। यह आदेश कोलकाता या उसके आसपास के स्कूलों के अभिभावकों के फोरम द्वारा दायर जनहित याचिका के जवाब में था। 

कोलकाता के कुछ स्कूलों ने SC का दरवाजा खटखटाया था

इसके अलावा कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक तीन सदस्यीय समिति को स्कूल शुल्क से संबंधित शिकायतों की जांच करने के लिए कहा था, यदि स्कूल अभिभावकों द्वारा विशेष अपील के अनुसार राहत नहीं देते हैं। हाईकोर्ट के निर्देश के खिलाफ कोलकाता के कुछ स्कूलों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

SC ने मामला खारिज किया व HC का फैसला बहाल रखा

बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मामले को खारिज कर दिया तथा हाईकोर्ट के फैसले को बहाल रखा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के स्कूल शुल्क से संबंधित शिकायतों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने के निर्देश पर फिलहाल स्थगितादेश लगा दिया है। 

अभिभावकों की रोजी-रोटी पर पड़ा असर, छात्र भी हुए प्रभावित

दरअसल कोरोना महामारी का यह दौर अचानक आया और सब कुछ बदल गया। इसका असर अभिभावकों की रोजी-रोटी पर पड़ा और इस वजह से स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे काफी प्रभावित हुए। इसे ध्यान में रखते हुए छात्रों के अभिभावकों ने स्कूल फीस में रियायत देने की मांग की थी। इस बाबत उनकी ओर से जनहित याचिका दायर की गई थी।


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